IIT के पास सेक्स रैकेट का पर्दाफाश: महिला बोली- रूम में नहीं, होटल चलूंगी… कैमरे में कैद हुई खौफनाक हकीकत
रुड़की: देशभर में प्रतिष्ठित आईआईटी रुड़की के मुख्य गेट से लेकर सेंचुरी गेट तक का 200 मीटर का मार्ग, शाम ढलते ही अनैतिक गतिविधियों का अड्डा बन जाता है। यहां कुछ महिलाएं खुलेआम देह व्यापार करती नजर आती हैं, जो फुटपाथ पर खड़े होकर ग्राहकों से अपने रेट तय करती हैं। इनका होटल का भी निश्चित रेट होता है, जिसे ग्राहक को भुगतान करना पड़ता है।
शिकायतों के बाद अमर उजाला की टीम का स्टिंग ऑपरेशन आईआईटी रुड़की की ओर से लगातार इस मुद्दे पर शिकायतें मिल रही थीं कि 200 मीटर के इस मार्ग पर महिलाएं अनैतिक व्यापार में लिप्त हैं। शिकायतों के आधार पर अमर उजाला की टीम ने मौके पर स्टिंग ऑपरेशन किया। यह पाया गया कि कुछ समय पहले जहां 2-3 महिलाएं इस व्यापार में शामिल थीं, अब उनकी संख्या बढ़कर कई हो गई है। इस मार्ग पर आईआईटी का मुख्य गेट, सेंचुरी गेट और विशेषज्ञों एवं कर्मचारियों के आवास भी हैं, लेकिन इन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
स्टिंग ऑपरेशन की कहानी रात 11:45 बजे, अमर उजाला की टीम ने सेंचुरी गेट से आईआईटी के मुख्य गेट तक बाइक से निरीक्षण किया। इस दौरान कई महिलाएं सड़कों पर खड़ी मिलीं, जो बाइक सवार और ई-रिक्शा सवारों से सौदेबाजी कर रही थीं। जब एक महिला से टीम ने रेट पूछा, तो उसने कहा, “एक हजार रुपये,” और होटल के लिए 500 रुपये अतिरिक्त मांगे। महिला ने यह भी स्पष्ट किया कि वे केवल होटल में ही जाती हैं, कमरे पर नहीं।
देह व्यापार और होटलों का गठजोड़ रुड़की में ऐसे कई होटल हैं जहां यात्रियों के लिए कमरे का किराया 800 से 2500 रुपये तक है। लेकिन देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं के लिए महज 500 रुपये में होटल का कमरा उपलब्ध कराया जाता है। इससे यह साफ होता है कि इस अवैध व्यापार में कुछ होटल मालिक भी शामिल हैं।
छात्राओं और बच्चों की सुरक्षा पर सवाल इस मार्ग से न केवल आईआईटी के छात्र, बल्कि आसपास के स्कूल और कॉलेज की छात्राएं और बच्चे भी गुजरते हैं। यहां की अनैतिक गतिविधियों का बुरा असर उनके ऊपर पड़ रहा है। पास में रोडवेज स्टेशन भी है, जिससे यहां से गुजरने वाले आम लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। इसके बावजूद, संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है।
इस स्थिति में लोगों का सवाल है कि कब और कैसे इस शर्मनाक और असामाजिक गतिविधि पर रोक लगाई जाएगी।
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