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142 स्टेशन, 87 शहर और 7 दिन का लंबा सफर—यह है दुनिया का सबसे लंबा रेल सफर। हफ्तेभर ट्रेन में यात्रा करते हुए जीवन कटता है, लेकिन इसके बावजूद बोरियत का कोई सवाल नहीं होगा।

Longest Train Journey: एक ट्रेन ऐसी भी है, जो अपने स्रोत स्टेशन से गंतव्य तक पहुंचने में चार-पांच दिन नहीं, बल्कि पूरे हफ्ते का समय लेती है। यदि आपने इस ट्रेन में टिकट लिया, तो पूरा हफ्ता आपके ट्रेन में ही गुजर जाएगा। इस ट्रेन के नाम पर दुनिया की सबसे लंबी दूरी तय करने वाली यात्री ट्रेन का रिकॉर्ड दर्ज है।

TOP 5 Longest Train Journeys: अगर आपसे पूछा जाए कि आपने सबसे लंबा ट्रेन सफर कितने घंटे या दिनों का किया है, तो आपका जवाब शायद कुछ घंटों या एक-दो दिनों का होगा। भारत में सबसे लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेनें 3 से 4 दिन में अपनी मंजिल पर पहुंच जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ट्रेन ऐसी भी है, जो अपने स्रोत स्टेशन से गंतव्य तक पहुंचने में चार-पांच दिन नहीं, बल्कि पूरे हफ्ते का समय लेती है? जी हां, अगर आपने इस ट्रेन में टिकट लिया, तो पूरा हफ्ता आपके ट्रेन में ही गुजरेगा। यह ट्रेन दुनिया की सबसे लंबी दूरी तय करने वाली यात्री ट्रेन है। अगर आप सोच रहे हैं कि हफ्तेभर ट्रेन में बैठकर आप बोर होंगे, तो जान लें कि यह सफर इतना खूबसूरत और शानदार है कि आपको बोरियत का एहसास भी नहीं होगा।

दुनिया की सबसे तेज रफ्तार ट्रेनें, चाहे वो चीन की मैग्लेव हो या बुलेट ट्रेन, यदि इस लंबी दूरी को तय करें तो उनके भी पसीने छूट जाएंगे। इस ट्रेन रूट की लंबाई इतनी है कि इसे पूरा करने में हफ्तेभर का समय लग जाता है। दुनिया के सबसे लंबे रेल सफर का नाम ट्रांस-साइबेरियन रेलवे है, जो रूस की राजधानी मॉस्को को पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक से जोड़ता है। इस सफर को पूरा करने में कुल 7 दिन लगते हैं।

ट्रांस-साइबेरियन रेलवे का रूट 9,259 किमी लंबा है, जिसे पूरा करने में सामान्य ट्रेन को सात दिन लगते हैं। अगर इस रूट पर भारत की वंदे भारत ट्रेन को 160 किमी/घंटा की रफ्तार से चलाया जाए, तो इसे पूरा करने में 58 घंटे से अधिक का समय लगेगा। वहीं, 460 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली चीन की मैग्लेव ट्रेन भी इस दूरी को पूरा करने में 20 घंटे लेगी। सबसे लंबे रेल सफर को 166 घंटे यानी लगभग 7 दिन में पूरा किया जाता है। इस रूट पर ट्रेन को 8 टाइम जोन पार करना होता है।

इस ट्रेन को अपना सफर पूरा करने के लिए 142 रेलवे स्टेशनों से गुजरना पड़ता है। मॉस्को से व्लादिवोस्तोक के बीच ट्रेन 87 शहरों से होकर होती है। इस रूट की लंबाई इतनी है कि इस पर सिर्फ दो ट्रेनें ही चलती हैं।

दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रेल रूट कनाडा में है। टोरंटो को वैंकूवर से जोड़ने वाले इस रूट की लंबाई 4,466 किमी है। इस सफर को पूरा करने में 4 दिन का समय लग जाता है।

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