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चार्ल्स शोभराज: महिलाओं का सीरियल किलर जो कहता है, ‘आज भी बहला-फुसला लूंगा…’ – एक कातिल सफर की कहानी

हिसार: चार्ल्स शोभराज, जिसे बिकीनी किलर के नाम से जाना जाता है, अब भी अपने काले कारनामों के लिए याद किया जाता है। हाल ही में, पीएम मोदी ने चार्ल्स शोभराज के इंटरव्यू की तुलना अरविंद केजरीवाल के मीडिया साक्षात्कार से की और सवाल उठाया कि गंभीर आपराधिक मामलों से जुड़े लोगों का मीडिया इंटरव्यू कैसे हो सकता है।

 

 

चार्ल्स शोभराज, जिनका पूरा नाम होचंद भवनानी गुरुमुख शोभराज है, एक ऐसे सीरियल किलर हैं जिन्होंने 1970 के दशक में साउथ एशिया के हिप्पी ट्रेल पर यात्रा करने वाले पश्चिमी पर्यटकों को निशाना बनाया। उनकी खूबसूरती, आत्मविश्वास और धारदार अंग्रेजी ने उन्हें कई विदेशी युवतियों को फुसलाने में मदद की, जिनकी उन्होंने बाद में हत्या कर दी। इन्हीं अपराधों के कारण उन्हें बिकीनी किलर और सर्पेंट के नाम से जाना गया।

मार्च 1986 में तिहाड़ जेल से भागने के बाद शोभराज ने एक बार फिर अपनी चालाकी का परिचय दिया। वह जेल के गार्डों और कैदियों को ड्रग्स देकर बेहोश कर दिया और जेल से भाग निकला। यह ड्रग्स एक बिल्ली पर टेस्ट किए गए थे, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि वह केवल बेहोश होगी, मरेगी नहीं।

शोभराज की आपराधिक गतिविधियों की सूची लंबी है। उन्होंने 10 देशों में कम से कम 20 हत्याओं के आरोपों का सामना किया। नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, तुर्की, ग्रीस, हांगकांग, थाईलैंड और मलयेशिया में उनकी दलाली, चोरी, तस्करी और किडनैपिंग की गतिविधियाँ रही हैं।

2022 में, नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने शोभराज को जेल से रिहा करने का आदेश दिया और उसे 15 दिनों के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया। इसके बाद, दिसंबर 2022 में उसे फ्रांस के लिए डिपोर्ट कर दिया गया। हाल ही में, उसने ‘द रियल सर्पेंट: इन्वेस्टिगेटिंग ए सीरियल किलर’ नाम की डॉक्युमेंट्री के लिए इनपुट दिया और कथित तौर पर लंदन में देखा गया।

चार्ल्स शोभराज पर कई किताबें और डॉक्युमेंट्रीज बनी हैं। 1980 की किताब ‘द लाइफ एंड क्राइम्स ऑफ चार्ल्स शोभराज’ और 2015 की हिंदी फिल्म ‘मैं और चार्ल्स’ उसके जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती हैं।
चार्ल्स शोभराज की कहानी अब भी लोगों में जिज्ञासा और भय का कारण बनती है, क्योंकि वह एक बार फिर सुर्खियों में हैं।

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