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हरियाणा में कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट में क्यों हो रही देरी? क्या आज की बैठक में नाम होगा फाइनल, समझें

Haryana Congress Candidate List: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से अबतक उम्मीदवारों की एक भी सूची जारी नहीं की गई है. हालांकि, इसके लिए कई बैठकें हो चुकी हैं.

 

 

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अब तक अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं कर पाई है, जबकि चुनाव की तैयारियां तेजी से हो रही हैं और नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की दो बैठकें और एक सब-कमिटी की बैठक के बावजूद अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है।

शुक्रवार की शाम को एक और सीईसी बैठक होने वाली है, लेकिन इस पर अभी भी संशय है कि कांग्रेस टिकटों की सूची जारी कर पाएगी या नहीं। देरी के पीछे मुख्य कारणों में पार्टी के भीतर गुटबाजी और संभावित गठबंधन के चलते सीटों के बंटवारे में फंसा हुआ पेंच शामिल है। कांग्रेस नेताओं के बीच आंतरिक असहमति और गठबंधन की संभावनाओं को देखते हुए पार्टी सावधानी बरत रही है, ताकि उम्मीदवारों की घोषणा के बाद किसी भी तरह की नाराजगी या बगावत को रोका

कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों की सूची जारी करने में देरी की मुख्य वजहें निम्नलिखित हैं:

आंतरिक असहमति: भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा, और रणदीप सुरजेवाला के बीच चल रही असहमति कांग्रेस की उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने में बाधा डाल रही है। इन नेताओं के विभिन्न दृष्टिकोण और गुटबाजी के कारण निर्णय प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

प्रभारी का बयान: कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने सीईसी की दो बैठकों के बाद 66 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की बात की थी, लेकिन सूत्रों के अनुसार, केवल 51 सीटों पर ही मुहर लगी है। बाकी सीटों पर अभी भी निर्णय होना बाकी है।

संभावित गठबंधन: आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, और वाम दलों के साथ संभावित गठबंधन के चलते करीब 8 सीटों पर पेंच फंसा हुआ है। इस गठबंधन के लिए सीटों का बंटवारा भी अभी स्पष्ट नहीं हुआ है, जो देरी का एक कारण है।

बड़ी सूची की योजना: कांग्रेस ने पहली सूची को व्यापक बनाने की योजना बनाई है, जिसमें 60-70 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए जाएंगे। इस कारण पार्टी सूची को अंतिम रूप देने में समय ले रही है ताकि पहली सूची बड़ी और प्रभावशाली हो।

नाराजगी और बगावत का डर: कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद संभावित नाराजगी और बगावत को सीमित करने के लिए भी देरी कर रही है। पार्टी चाहती है कि निर्णय प्रक्रिया पूरी तरह से सुचारू हो, ताकि चुनावी प्रक्रिया के दौरान कम से कम समस्याएँ उत्पन्न हों।

इन कारणों से कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने और जारी करने में सावधानी बरत रही है।

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