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टीचर्स डे पर कविताओं को शामिल कर तैयार करें स्पीच, दमदार लगेगा भाषण

सभागार में उपस्थित सभी मान्यवर, मेरे प्यारे शिक्षकगण, आदरणीय प्रिंसिपल महोदय, अतिथिगण और मेरे साथियों,

आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

हम यहां आज एक बहुत ही खास अवसर पर एकत्र हुए हैं, जिसे हम हर साल 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। डॉ. राधाकृष्णन, हमारे देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति, एक महान विद्वान, दार्शनिक और शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन को शिक्षा के महत्व और शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने में समर्पित किया।

शिक्षक हमारे जीवन के मार्गदर्शक होते हैं, जो हमें सिर्फ पाठ्यपुस्तकों का ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि हमें जीवन के हर पहलू को समझने और उसके अनुरूप कार्य करने की कला भी सिखाते हैं। वे हमारे सपनों को पंख देते हैं और हमारी क्षमताओं को निखारते हैं।

आज का यह दिन हमारे शिक्षकों को उनके अद्वितीय योगदान के लिए धन्यवाद कहने का अवसर है। एक प्रेरणादायक कविता के माध्यम से मैं इस धन्यवाद को व्यक्त करना चाहता हूँ:

“गुरु हैं ज्ञान की जोत, जीवन का सच्चा पथ दिखाते हैं,
अपने शिष्यों को सदा, आगे बढ़ने की राह सिखाते हैं।
शब्दों में उनकी ममता है, हर कठिनाई को आसान बनाते हैं,
हम जो बनते हैं, उसमें उनका अंश है, वे हमारी तकदीर सजाते हैं।”

शिक्षक हमारी अज्ञानता को मिटाकर हमें उजाले की ओर ले जाते हैं। इसलिए, आइए हम आज प्रण करें कि हम अपने शिक्षकों द्वारा दिए गए अमूल्य शिक्षा को आत्मसात करेंगे और उसे अपने जीवन में उतारकर अपने देश, समाज और परिवार का नाम रोशन करेंगे।

धन्यवाद!

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