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किसान आंदोलन: बरसात भी नहीं तोड़ पा रही किसानों का हौसला, बोले- मिट्टी और पानी से रोज का वास्ता, इनसे कैसा डर

चंडीगढ़ में किसानों का धरना जारी, बरसात भी नहीं तोड़ पा रही हौसला
चंडीगढ़: चंडीगढ़ में किसानों का धरना जारी है। प्रशासन ने किसानों को 4 सितंबर तक का समय दिया था, लेकिन बुधवार शाम को एडीजीपी जसकरण सिंह के साथ किसान नेताओं की बैठक बेनतीजा रही। आज दोपहर तीन बजे मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ एक नई बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें चीफ सेक्रेटरी, कैबिनेट मंत्री और विभिन्न विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे। इस बीच, किसानों का धरना सेक्टर-34 स्थित मेला ग्राउंड में वीरवार दोपहर तक जारी रहेगा।

बरसात में भी कायम है हौसला

बुधवार को हुई बारिश के बावजूद किसानों का हौसला ऊंचा रहा। पानी के बावजूद किसान पंडाल में समय पर पहुंचे, कपड़े गीले हो गए, लेकिन स्टेज और पंडाल में लोग बने रहे और अपने नेताओं के भाषण सुने। बारिश के कारण ट्रैक्टर और ट्रालियों में लंगर तैयार किया गया।
संघर्ष की विरासत
किसानों का कहना है कि उनकी विरासत ही संघर्ष की है। खेतों में काम करते समय भी वे पानी और कीचड़ का सामना करते हैं। घर से दूर होने के बावजूद, उनके परिवार भी उनका हौसला बढ़ाते हैं। पोते और पोतियां फोन पर नारे लगाते हैं, जिससे उन्हें काफी खुशी मिलती है। यदि ग्राउंड में जगह नहीं मिलती, तो सड़क किनारे बसेरा बना लेते हैं और लंगर बनाते हुए भी नारे लगाते हैं।

संसदीय अनुभव और आत्मनिर्भरता

सुरजीत सिंह ने बताया कि वे दिल्ली के किसान आंदोलन में शामिल रहे हैं और वहां के अनुभव से अवगत हैं। वे अनुशासन में रहते हैं और सभी काम खुद करते हैं। घर से लंगर का सामान लेकर आए हैं, जिसमें आटा, प्याज, लहसुन, टमाटर और पाउडर वाला दूध शामिल है।
कीचड़ और पानी से प्यार
रघबीर सिंह ने कहा कि वे पानी और कीचड़ से प्यार करते हैं, क्योंकि ये खेतों में उनका नियमित साथी हैं। बारिश के बावजूद उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई, और उन्होंने ट्राली में लंगर तैयार किया।
संगठन और सुरक्षा
सुखदेव सिंह ने कहा कि वे संघर्षों के वारिस हैं और रात को सतर्क रहते हैं। आंधी या तूफान हो, स्टेज समय पर चलता है। वे सुनिश्चित करते हैं कि कोई गलत व्यक्ति न आए और कोई गड़बड़ी न हो।

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