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हरियाणा विधानसभा चुनाव: हारे उम्मीदवारों ने जोर लगाया तो फंसेगी दिग्गजों की सीट… ऐसे बन रहे समीकरण

हरियाणा विधानसभा चुनाव में 5 अक्तूबर को मतदान होगा और 8 अक्तूबर को वोटों की गिनती होगी। राज्य में नामांकन प्रक्रिया 5 सितंबर से शुरू होगी। पिछले विधानसभा चुनाव में 17 सीटें ऐसी थीं, जहां जीत-हार का अंतर 600 से 3500 वोटों के बीच रहा था। इन सीटों पर कड़े मुकाबले के कारण विधायकों की सीटें मुश्किल से निकल पाईं थीं।

इन सीटों में कई बड़े दिग्गज नेताओं की सीटें शामिल थीं, जिनका राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान है। यदि हारे हुए उम्मीदवार इस बार फिर से जोर लगाते हैं और उन्हें टिकट मिलता है, तो कई दिग्गजों की सीटें इस बार फंस सकती हैं और उनके लिए जीतना मुश्किल हो सकता है।

उदाहरण के लिए, पिछले चुनाव में हरियाणा लोकहित पार्टी के संस्थापक गोपाल कांडा सिरसा सीट से मात्र 602 वोटों के अंतर से जीते थे। इसी तरह, मेवात बेल्ट से कांग्रेस विधायक मोहम्मद इलियास पुन्हाना सीट से मात्र 816 वोटों से जीते थे। इसके अलावा, राज्य के निकाय मंत्री सुभाष सुधा थानेसर सीट से 842 वोटों के अंतर से जीते थे, और कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव रेवाड़ी सीट से 1317 वोटों से जीते थे।

इनके अलावा, राज्य की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा बड़खल से, कांग्रेस विधायक भारत भूषण बत्रा रोहतक से, और विधायक नीरज शर्मा फरीदाबाद एनआईटी से भी कम अंतर से जीते थे। इन सभी सीटों पर फिर से कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।

यदि हारे हुए उम्मीदवार फिर से चुनाव में उतरते हैं और जोर लगाते हैं, तो इन सीटों पर मुकाबला और भी दिलचस्प हो सकता है।

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