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पंजाब विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र आरंभ, तीखी बहस और विवाद की संभावनाएं

पंजाब विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र 2 सितंबर 2024 से शुरू हो गया है, और इस सत्र में जोरदार हंगामे की संभावनाएं प्रबल हैं। इस सत्र में मुख्य रूप से राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था, बढ़ता कर्ज, और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। विपक्षी दलों ने पहले ही संकेत दे दिया है कि वे सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की पूरी तैयारी कर चुके हैं।


कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने स्पष्ट किया है कि वे राज्य में लगातार बढ़ते अपराधों, जैसे स्नैचिंग, चोरी, और जबरन वसूली की घटनाओं को लेकर सरकार से सवाल करेंगे। इसके अलावा, राज्य की महिलाओं को हर महीने ₹1000 देने का वादा पूरा न करने पर भी सरकार को घेरने की योजना है। कांग्रेस विधायकों ने AAP सरकार पर उनके चुनावी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया है, जिसमें राज्य में 18 कॉलेजों की स्थापना का वादा भी शामिल है, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है।

इसके अतिरिक्त, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने राज्य में अवैध रेत खनन के मुद्दे को उठाने की योजना बनाई है। उनका कहना है कि इस सत्र की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि तीन दिनों का सत्र महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए पर्याप्त नहीं है।
इस सत्र के दौरान, AAP सरकार की नीतियों और उनकी कार्यप्रणाली पर भी गंभीर चर्चा होने की संभावना है। सत्र की शुरुआत शोक प्रस्तावों के साथ हुई, और 4 सितंबर 2024 को इसका समापन होगा। विधानसभा सत्र

की अवधि को लेकर भी विपक्ष ने सवाल उठाए हैं, खासकर जब AAP खुद सत्ता में नहीं थी, तो वह लंबी अवधि के सत्रों की मांग करती थी।
यह सत्र पंजाब की राजनीतिक स्थिति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है, जहां AAP सरकार को अपनी नीतियों और कार्यों का बचाव करना होगा, जबकि विपक्ष उन्हें कटघरे में खड़ा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। आगामी दिनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्र के दौरान किस प्रकार के मुद्दे उभरते हैं और राजनीतिक दल किस तरह से जनता के समक्ष अपनी बात रखते हैं।

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