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फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, ने दक्षिण एशिया का पहला गामा नाइफ ईस्प्रिरिट लॉन्च करने की घोषणा की

ब्रेन ट्यूमर के उपचार में क्रांतिकारी पहल

नॉन-सर्जिकल, पीड़ा-रहित और अत्यंत सटीक प्रक्रिया, सिंगल सेशन में प्रक्रिया पूरी होने के बाद मरीज को उसी दिन अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है

चंडीगढ़ : फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने दक्षिण एशिया के पहले गामा नाइफ इंस्प्रिरिट के लॉन्च की घोषणा की है। लेकसैल गामा नाइफ® के इस क्रांतिकारी वर्ज़न ने ब्रेन ट्यूमर के अत्यंत सटीक और नॉन-सर्जिकल उपचार के युग की शुरुआत की है। इससे मैलिग्नेंट तथा बिनाइन ब्रेन ट्यूमर्स समेत ब्रेन की अन्य कई असामान्यताओं के इलाज के विकल्प काफी बढ़ गए हैं।Gamma

गामा नाइफ के इस्तेमाल से ब्रेन ट्यूमर्स को लक्षित करने के लिए बिना चीरा लगाए कंप्यूटर-निर्देशित सटीकता मिलती है, और इस प्रकार यह मैलिग्नेंट तथा बिनाइन ब्रेन ट्यूमर्स समेत मल्टीपल ब्रेन मेटास्टेसिस, मेनिनजियोमास, अकाउस्टिक ट्यूमर, और पिट्यूटरी एडिनोमा के उपचार के लिए आदर्श है। यह इतना सटीक है कि ब्रेन के बेहद संवेदनशील और ऐसे भागों तक भी ब्रेन ट्यूमर के उपचार में क्रांतिकारी पहल • सकता है जिन तक पहुंचना आसान नहीं होता, और साथ ही, हेल्दी ब्रेन टिश्यू को सुरक्षित रखता है। परिणामस्वरूप मरीज इलाज के तुरंत बाद अपने नॉर्मल रूटीन में लौट पाते हैं। इसके अलावा, जहां एक ओर मल्टीपल ब्रेन मेटास्टेटिस की रेडिएशन थेरेपी के लिए लगभग 30 सेशंस की जरूरत होती है, वहीं गामा नाइफ रेडियोसर्जरी की मदद से इलाज की पूरी प्रक्रिया सिंगल सेशन में ही पूरी हो जाती है और मरीज को उसी दिन अस्पताल से छुट्टी भी मिल जाती है। इस प्रकार, गामा नाइफ से इलाज की प्रक्रिया सटीक, त्वरित और कुशल साबित होती है।

इतना ही नहीं, गामा नाइफ मल्टीपल मेटास्टेटिस का उपचार भी सिंगल सेशन में ही करने में सक्षम है, भले ही मेटास्टेटिक घाव कहीं भी क्यों न हों, अन्य किसी भी टैक्नोलॉजी से यह लाभ नहीं मिल पाता। इस विधि के इस्तेमाल का एक और फायदा यह भी होता है कि मरीज के हेल्दी टिश्यू का रेडिएशन एक्सपोज़र काफी कम होता है, और उसके मोटर, सेंसरी नर्व तथा न्यूरोकॉग्निटिव फंक्शन भी सुरक्षित रहते हैं जिससे इलाज के बाद मरीज की रिकवरी तेजी से होती है और लाइफ क्वालिटी भी बेहतर होती है। इस तरह, गामा नाइफ रेडियोसर्जरी को दुनियाभर Fortis2में ब्रेन रेडियोसर्जरी का गोल्ड मानक माना जाता है। इस प्रक्रिया को मरीजों की पर्सनलाइज़्ड केयर तथा सुविधाजनक उपचार के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए फ्रेम-आधारित या फ्रेम-रहित प्रक्रियाओं से किया जा सकता है, इसके बाद इलाज की सटीकता की जांच के लिए स्टीरियोटैक्टिक एमआरआई की जाती है।

फोर्टिस हैल्थकेयर ने गामा नाइफ टैक्नोलॉजी को पेश किया है जो कि जांची-परखी, भरोसेमंद और क्लीनिकल मान्यता प्राप्त है तथा भारत समेत दुनियाभर में क्लीनिशियनों एवं मरीजों के स्तर पर भरोसेमंद है। इस इंटीग्रेटेड और एफिशिएंट सिस्टम से 0.3 मिमी की गारंटीशुदा सटीकता मिलती है, और यह अन्य टैक्नोलॉजी के मुकाबले 2–4x मात्रा तक के हेल्दी ब्रेन टिश्यू और 2–21x तक कम के लिए एक्सट्राक्रेनियल खुराक पहुंचाती है। गामा नाइफ की इस सर्वाधिक सटीकता से टॉक्सिसिटी और नॉर्मल ब्रेन पर साइड इफेक्ट्स में कमी आती है। गामा नाइफ से ब्रेन ट्यूमर्स तथा अन्य ब्रेन कंडीशंस पर न्यूनतम साइड इफेक्ट्स के साथ-साथ ऊंची सफलता दर का लाभ मिलता है। गामा नाइफ रेडियोसर्जरी का अब तक ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है और पिछले 10 वर्षों में कंट्रोल रेट 95% से अधिक दर्ज की गई है, तो मरीज को लंबी अवधि तक राहत प्रदान करती है।

डॉ संदीप वैश्य, डायरेक्टर न्यूरोसर्जरी, फोर्टिस गुड़गांव, ने कहा, “हमारे अस्पताल में दक्षिण एशिया के पहले गामा नाइफ ईस्प्रिरिट का लॉन्च न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में एक उललेखनीय उपलब्धि है। इस एडवांस टैक्नोलॉजी से न्यूरोलॉजिकल प्रक्रियाओं में ऐसी सटीकता का लाभ मिलता है जिसे पहले हासिल करना नामुमकिन था, और यह ब्रेन ट्यूमर्स को एकदम सटीक ढंग से लक्षित करती है। गामा नाइफ ईस्प्रिरिट से हेल्दी टिश्यू का रेडिएशन एक्सपोज़र न्यूनतम होता है जो कि संभावित साइड इफेक्ट्स को भी कम करता है। इस क्षमता की बदौलत मरीज को अधिक सुरक्षा और सुविधा मिलती है, और रिकवरी भी त्वरित होती है। रिकवरी समय घटने से न सिर्फ क्लीनिकल परिणामों में सुधार होता है बल्कि मरीज का अनुभव भी बेहतर बनता है। इससे मेडिकल उपचार और मरीजों की देखभाल के स्तरों को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।”                                                                                                                                                                              (रोशन लाल शर्मा की रिपोर्ट)

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