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24 दिसंबर को होगी नगर निगम की आखिरी बैठक, वित्तीय संकट मुख्य मुद्दा

चंडीगढ़ नगर निगम की साल की आखिरी बैठक में विकास कार्यों के एजेंडे पर कम और वित्तीय संकट पर ज्यादा चर्चा।

चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम 24 दिसंबर को साल 2024 की आखिरी सदन की बैठक बुला रहा है। इस बैठक में नगर निगम के बढ़ते वित्तीय संकट का मुद्दा एक बार फिर चर्चा का मुख्य केंद्र रहेगा। निगम के पास धन की कमी के चलते विकास कार्यों के एजेंडे इस बार भी सीमित होंगे। हालांकि, नीतिगत और पिछली बैठकों के लंबित एजेंडों पर चर्चा संभव है।

विकास कार्यों पर असर
पिछले कुछ समय से नगर निगम की बैठकों में विकास कार्यों के एजेंडे लगभग गायब हैं। केवल आपातकालीन और नीतिगत एजेंडों पर ही विचार किया जा रहा है। पिछली बैठक में चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने निगम को खर्च में कटौती का सुझाव दिया था। हालांकि, वित्तीय संकट से उबरने के लिए कोई ठोस वित्तीय राहत नहीं दी गई।

मुख्य एजेंडा
इस बैठक में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा संचालित टॉयलेट्स के लिए नए नियमों को मंजूरी देने का एजेंडा लाया जाएगा। पिछले महीनों से एमओयू पर काम कर रहे शौचालय कर्मी अपनी मांगों को लेकर धरने पर हैं। मेयर कुलदीप कुमार आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन कर्मियों का कहना है कि जब तक एजेंडा पास नहीं होगा, उनका धरना जारी रहेगा।

अन्य चर्चित मुद्दे
मनीमाजरा में निगम की कुछ जमीनों को बेचने और टीटी वाटर के दाम बढ़ाने जैसे मुद्दे भी बैठक का हिस्सा बन सकते हैं। इसके साथ पिछली बैठकों के टेबल एजेंडा और सप्लीमेंट्री एजेंडा पर भी चर्चा होगी।

वित्तीय संकट पर फोकस
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, निगम अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। छोटे विकास कार्य भी ठप पड़े हैं। 23 दिसंबर को वित्त और अनुबंध समिति की बैठक में इन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होगी।

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