आरईसी के दो बॉन्ड NSE और BSE पर सूचीबद्ध हुए
इनकी कुल वैल्यू ₹2,500 करोड़ और ₹2,875 करोड़ है
इसके अतिरिक्त आरईसी और यूनिसेड ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में बच्चों की शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए समझौता किया
गुरुग्राम – विद्युत मंत्रालय के अधीन महारत्न सीपीएसई और अग्रणी एनबीएफसी, आरईसी लिमिटेड ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर दो बॉन्ड सफलतापूर्वक सूचीबद्ध किए हैं। ये दोनों बांड क्रमशः ₹2,500 करोड़ और ₹2,875 करोड़ के हैं, जिनकी परिपक्वता अवधि क्रमशः 10 वर्ष और 3 वर्ष 2 महीने है। इन बांडों की रिडम्शन तिथियां क्रमशः 30 अप्रैल, 2027 और 28 फरवरी, 2034 हैं।
इस माध्यम से जुटाई गई धनराशि किसी विशिष्ट परियोजना के लिए नहीं है; इसलिए, इस इश्यू से प्राप्त आय का उपयोग नियमित व्यावसायिक गतिविधियों के लिए किया जाएगा। इन बांडों को IRPL द्वारा IND AAA और ICRA द्वारा ICRA AAA रेटिंग दी गई है।
आरईसी लिमिटेड के सीएमडी विवेक कुमार देवांगन ने कहा, “इन बांडों की सफल लिस्टिंग आरईसी लिमिटेड की नवाचार और वित्तीय विवेकशीलता के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। हम स्थायी ऊर्जा और बुनियादी ढांचा समाधान के माध्यम से भारत को सशक्त बनाने के अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए इन फंडों का इस्तेमाल किया जाएगा।“
आरईसी और यूनिसेड ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में बच्चों की शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए समझौता भी किया
आरईसी लिमिटेड ने अपनी सीएसआर शाखा आरईसी फाउंडेशन के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में ~75,500 बच्चों की शिक्षा को सहयोग देने के लिए विज्ञान और शैक्षिक विकास इकाई (यूनिसेड) के साथ साझेदारी की है। अपनी कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल के तहत, आरईसी ने इस कार्य के लिए 9.91 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया है।
नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान आरईसी फाउंडेशन और यूनिसेड के बीच समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते पर भूपेश चंदोलिया, सीएसआर प्रमुख, आरईसी फाउंडेशन और रश्मी कुमारी, सहायक कार्यक्रम निदेशक, यूनिसेड ने हस्ताक्षर किए।
यूनिसेड अपनी राष्ट्रव्यापी उपस्थिति के साथ, नवीन शिक्षण प्रणालियों के माध्यम से शिक्षा की प्रगति के लिए कार्य कर रहा है। इस सहयोग के तहत यूनिसेड, सिद्धार्थनगर जिले के सरकारी स्कूलों में सौर ऊर्जा से संचालित स्मार्ट कक्षाएं और प्रयोगशालाएं स्थापित करेगा। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को आधुनिक शैक्षिक उपकरणों और संसाधनों तक पहुंच प्रदान करना, और उन्हें अकादमिक और रचनात्मक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाना है।
हाल ही में, आरईसी फाउंडेशन ने सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष में 15 करोड़ रुपये का योगदान दिया। इसका उद्देश्य पूर्व सैनिकों के 12,500 बच्चों की शिक्षा को सहयोग देना था।
आरईसी ‘महारत्न‘ एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, आईटी संचार, सामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है।
केंद्र सरकार की ओर से आरईसी को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है।
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