पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में एक अनोखा मामला सामने आया, जहां एक व्यक्ति ने खुद का नाम और पता जानने के लिए आरटीआई दायर कर दी। इस अजीबोगरीब याचिका को कोर्ट ने न सिर्फ हैरान करने वाला बताया, बल्कि इसे खारिज भी कर दिया।
याचिकाकर्ता ने सूचना का अधिकार (RTI) के तहत सरकारी विभाग से अपनी ही व्यक्तिगत जानकारी मांगी थी। जब विभाग ने इस पर आपत्ति जताई और जानकारी देने से इनकार कर दिया, तो व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जजों ने इसे “अत्यंत आश्चर्यजनक और अनावश्यक” बताते हुए सवाल उठाया कि कोई व्यक्ति अपनी ही पहचान जानने के लिए सरकार से जानकारी क्यों मांगेगा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि आरटीआई कानून पारदर्शिता और सरकारी कार्यों में जवाबदेही के लिए बनाया गया है, न कि व्यक्तिगत जानकारी मांगने के लिए। न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसी याचिकाएं न्यायपालिका का कीमती समय बर्बाद करती हैं।
आखिरकार, हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता को कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग न करने की हिदायत दी। यह मामला अब चर्चा का विषय बना हुआ है और इसे आरटीआई के दुरुपयोग का एक उदाहरण माना जा रहा है।