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हाईकोर्ट ने द्विविवाह मामले में समझौते के आधार पर सजा रद्द करने का दिया आदेश

कैथल। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने द्विविवाह के मामले में पति को सुनाई गई तीन साल की सजा को उसकी पत्नी के साथ समझौते के आधार पर रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला निजी प्रकृति का है और समझौते के आधार पर सजा को रद्द करना न्यायपूर्ण है।
कैथल निवासी व्यक्ति ने अपनी याचिका में कैथल के सीजेएम द्वारा 27 जुलाई 2006 को सुनाए गए सजा के आदेश को चुनौती दी थी। सजा के खिलाफ अपील लंबित रहते पति-पत्नी ने आपसी समझौता किया। इस समझौते के आधार पर हाईकोर्ट ने एफआईआर और दोष सिद्धि को रद्द करने का आदेश दिया, यह मानते हुए कि विवाद का समाधान व्यक्तिगत है और समझौते से ही न्याय संभव है।

हाईकोर्ट ने कहा कि यदि पक्षों ने अपनी बात सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा ली है, तो CRPC की धारा 482 के तहत कार्यवाही को निरस्त किया जा सकता है, भले ही अपराध गैर-समझौता योग्य हो।

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