हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी: डॉक्टरों को कम वेतन देने पर पंजाब सरकार को फटकार
डॉक्टरी महान पेशा, सम्मानजनक वेतन जरूरी; नियमों के उल्लंघन पर HC ने सरकार को लगाई फटकार
पंजाब-हरियाणा: हाईकोर्ट ने डॉक्टरों को कम वेतन देने के मामले में पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि डॉक्टरी एक महान पेशा है और डॉक्टरों को सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। सरकार की मनमानी और तर्कहीन कार्रवाई को खारिज करते हुए कोर्ट ने डॉक्टरों को उनका वैध बकाया प्रदान करने के निर्देश दिए।
पृष्ठभूमि:
2016 के नियमों के तहत नियुक्त डॉक्टरों ने 8,600 रुपये के ग्रेड पे के साथ 37,400 से 67,000 रुपये के निर्धारित वेतनमान से वंचित किए जाने को सिंगल बेंच में चुनौती दी थी। सिंगल बेंच ने डॉक्टरों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सरकार को यह लाभ देने का आदेश दिया।
सरकार का रुख:
पंजाब सरकार ने सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। लेकिन खंडपीठ ने राज्य सरकार के तर्कों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वैधानिक वेतनमान से किसी भी परिवर्तन के लिए नियमों में संशोधन करना आवश्यक है।
कोर्ट की टिप्पणी:
हाईकोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों के साथ सम्मानजनक व्यवहार होना चाहिए और उन्हें वैधानिक प्रावधानों के अनुसार वेतन मिलना चाहिए। कार्यकारी निर्देशों के माध्यम से वेतनमान में कटौती करना अस्वीकार्य है। अगर राज्य को कम वेतनमान लागू करना था, तो इसके लिए नियमों में संशोधन ही एकमात्र सही रास्ता था।
महत्वपूर्ण संदेश:
यह निर्णय डॉक्टरों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा में महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने कहा कि राज्य की अनुचित नीतियों ने डॉक्टरों को अदालत का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर किया है। सरकार को चाहिए कि वह अपने स्वास्थ्य कर्मियों को उचित वेतन और सम्मान प्रदान करे।
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