हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में कमी, कैथल बना हॉट स्पॉट
रेड एंट्री की सख्ती के बाद कृषि प्रदूषण में आई कमी
हरियाणा: हरियाणा सरकार द्वारा 19 अक्तूबर से शुरू की गई रेड एंट्री की सख्त कार्रवाई के बाद पराली जलाने के मामलों में तेजी से कमी आई है। पिछले पांच दिनों में पूरे प्रदेश में पराली जलाने के कुल 54 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इस निर्णय ने किसानों को पराली जलाने से रोकने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे प्रदूषण के स्तर में भी गिरावट देखने को मिल रही है।
कैथल का हॉट स्पॉट बनना:
कैथल, कुरुक्षेत्र और करनाल जैसे क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, जबकि कैथल अब प्रदूषण के मामले में हॉट स्पॉट के रूप में उभरा है। इन क्षेत्रों में हालात को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके।
एक्यूआई स्तर में गिरावट:
हाल के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में नौ जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर 100 से 200 के बीच येलो जोन में है। इसके बावजूद, प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार के तमाम दावों के बीच हवा की सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
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