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सुखबीर बादल ने शुरू की धार्मिक सजा, गले में तख्ती लटकाकर स्वर्ण मंदिर में निभाएंगे सेवा

बेअदबी और पंथक गलतियों के लिए अकाल तख्त साहिब ने सुनाई सजा, दो दिन तक करेंगे बर्तन और जूते साफ

Chandigarh : शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त साहिब द्वारा धार्मिक सजा दी गई है। सोमवार को पांच सिंह साहिबान की बैठक के बाद उन्हें तनखाहिया घोषित किया गया और सजा के रूप में स्वर्ण मंदिर में ‘सेवादार’ के रूप में सेवा निभाने का निर्देश दिया गया।

मंगलवार सुबह सुखबीर बादल गले में तख्ती लटकाकर श्री हरमंदिर साहिब पहुंचे। सजा के अनुसार, उन्हें दो दिन तक सुबह 9 से 10 बजे के बीच स्वर्ण मंदिर के बाहर घंटाघर प्रवेश द्वार के समक्ष ‘सेवादार’ की पोशाक पहनकर बैठना होगा। इसके अलावा, बर्तन और जूते साफ करने की सेवा भी निभानी होगी।

यह सजा सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख को माफी दिलाने और सिख पंथ विरोधी घटनाओं के लिए सुनाई गई है। इनमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और पुलिस अधिकारियों को उच्च पदों पर बिठाने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।

पूर्व मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा को भी इसी तरह की सजा सुनाई गई। उन्होंने भी गले में तख्ती और हाथ में भाला लेकर स्वर्ण मंदिर में सेवा शुरू की।

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