सफाई में पिछड़ी चंडीगढ़: 11वें स्थान पर पहुंची क्लीन सिटी
सड़कों पर कूड़े के ढेर, सफाई मित्र पुरस्कार मिलने के बाद भी गिरावट….
चंडीगढ़ : क्लीन सिटी के नाम से पहचानी जाने वाली चंडीगढ़ अपनी सफाई व्यवस्था में पिछड़ती जा रही है। स्वच्छ सर्वेक्षण में इस साल चंडीगढ़ का स्थान गिरकर 11वें नंबर पर पहुंच गया है, जो शहर की सफाई व्यवस्था के बिगड़ते हालात को दर्शाता है। जहां एक ओर चंडीगढ़ को पहले “सफाई मित्र पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था, वहीं अब शहर की सड़कों और सेक्टरों में कूड़े के ढेर आम बात हो गई है।
शहर के विभिन्न क्षेत्रों, खासकर सेक्टर 22, 34, और 40 में कूड़े के ढेर देखने को मिलते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सफाई कर्मचारी नियमित रूप से कूड़ा नहीं उठा रहे हैं, जिससे गंदगी बढ़ रही है। इसके अलावा, कूड़े के उचित निस्तारण के लिए बने प्लांट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग भी सही तरीके से नहीं किया जा रहा है।
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि वे सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए काम कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि शहर में नई सफाई मशीनें और कूड़ा प्रबंधन प्रणाली लागू करने की योजना है, लेकिन इसके बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है।
स्थानीय निवासियों ने शिकायत की है कि सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन की कमी है और लोग कचरा इधर-उधर फेंकने को मजबूर हैं। इसके अलावा, बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण ने भी सफाई व्यवस्था पर दबाव बढ़ा दिया है।
चंडीगढ़ को “स्मार्ट सिटी” के रूप में विकसित करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन सफाई व्यवस्था में गिरावट से शहर की छवि प्रभावित हो रही है। स्वच्छता को लेकर जनता में जागरूकता की कमी और प्रशासन की निष्क्रियता ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत चंडीगढ़ का प्रदर्शन पहले देशभर में सराहनीय था, लेकिन अब शहर का पिछड़ना प्रशासन के लिए चिंताजनक है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब प्रशासन और जनता दोनों मिलकर सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए प्रयास करें।
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