सख्त प्रशासक थे ओमप्रकाश चौटाला रात में अधिकारियों से लेते थे अपडेट
चौटाला की सख्ती से प्रशासन में हलचल, अफसरों को रात को भी फोन कर कर देते थे निर्देश..
चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की पहचान एक सख्त प्रशासक के रूप में थी। उनकी सख्ती के किस्से आज भी लोगों की जुबां पर हैं। चौटाला इतने कठोर थे कि वे रात के समय अधिकारियों से शिकायतों और कार्यों का अपडेट लेते थे। एक बार किसी ने शिकायत की थी कि प्रदेश के अधिकारी देर रात पार्टियों में व्यस्त रहते हैं, जिससे प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो रहा है। चौटाला ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और अगले ही दिन से उन्होंने अधिकारियों से देर रात तक काम की प्रगति का पता लगाना शुरू कर दिया।
चौटाला रात को कभी 11 बजे, कभी 12 बजे फोन करके अधिकारियों से शिकायतों और कार्यों की स्थिति के बारे में जानकारी लेते थे। अधिकारियों को इतना चौकस कर दिया गया था कि वे रात को भी डायरी लेकर सोते थे, ताकि चौटाला के किसी भी फोन कॉल का उत्तर सही तरीके से दे सकें।
पूर्व विधानसभा के अतिरिक्त सचिव रामनारायण यादव ने ओमप्रकाश चौटाला के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि एक बार भिवानी नहर में पानी नहीं आ रहा था, जो शहर के लिए महत्वपूर्ण था। चौटाला ने रात में ही एसई (सुपरिटेंडेंट इंजीनियर) को फोन करके नहर में पानी छोड़वाया। यह उनकी सक्रियता और प्रशासनिक सख्ती को दर्शाता है।
ओमप्रकाश चौटाला का कार्यकाल उनके पिता चौधरी देवीलाल के नेतृत्व में राजनीति की विरासत पर आधारित था। हालांकि, चौटाला ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने पिता के रिकॉर्ड को तोड़ा और पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। वह एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया, जबकि उनके पिता देवीलाल केवल दो बार मुख्यमंत्री बने थे।
चौटाला की सख्त नेतृत्वशक्ति और प्रशासनिक क्षमता का प्रभाव केवल उनके कार्यकाल में ही नहीं, बल्कि उनके निधन के बाद भी प्रदेश की राजनीति पर पड़ा है। उनकी सख्ती, राजनीतिक सूझबूझ और जनसमर्थन ने उन्हें हरियाणा की राजनीति का अहम चेहरा बना दिया।
उनकी शख्सियत और कार्यशैली का प्रभाव आज भी हरियाणा के लोगों के दिलों में जिंदा है।
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