News around you
Responsive v

शंभू और खनौरी बॉर्डर पर शांति, लेकिन तनाव बना, कुंडली और टिकरी में कड़ी सुरक्षा

किसानों का आंदोलन पंजाब की तरफ बढ़ा, हरियाणा में शांति; पुलिस ने लगाए तंबू और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

67

हरियाणा-पंजाब: किसान आंदोलन के दिल्ली कूच को फिलहाल टाल दिया गया है, लेकिन हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। पंजाब की ओर किसानों का रुख बढ़ा है, जबकि हरियाणा में शांति कायम है। खासकर, टिकरी और कुंडली बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

सोमवार को शंभू बॉर्डर पर दिनभर किसान नेताओं की बैठक चली, इसके बाद किसान नेता खनौरी बॉर्डर के लिए रवाना हुए। खनौरी बॉर्डर पर किसानों का धरना शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहा। हालांकि, हरियाणा के जींद, कैथल, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में पुलिस ने एहतियातन सतर्कता बरती है।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था:
दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। तीन दिन पहले ही लोहे के बैरिकेड और कंटेनरों से सड़क को अवरुद्ध किया गया है। इसके अलावा, पुलिस ने 8 तंबू लगाए हैं, जिनमें से एक होटल की छत पर भी तंबू लगाया गया है। सीआरपीएफ, बीएसएफ और आरएएफ की तैनाती के साथ दिल्ली पुलिस के जवान भी सुरक्षा में लगे हुए हैं।

कुंडली बॉर्डर पर स्थिति सामान्य:
सोनीपत जिले का कुंडली बॉर्डर भी शांत है और वहां कोई खास आंदोलन का असर नहीं दिखा। हालांकि, वहां भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, ताकि स्थिति अनियंत्रित न हो।

आमरण अनशन पर जगजीत सिंह डल्लेवाल:
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है, हालांकि उनकी सेहत में लगातार गिरावट आ रही है। बहादुरगढ़ के टिकरी बॉर्डर पर उनकी स्थिति का भी खास ख्याल रखा जा रहा है।

राजनीतिक समर्थन:
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के महासचिव अभय चौटाला ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह पैदल दिल्ली जा रहे किसानों का रास्ता रोककर उन पर अत्याचार कर रही है। चौटाला ने विपक्ष से किसानों के साथ खड़े होने की अपील की और कहा कि सरकार ने अगर किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है।

बेनीवाल खाप का समर्थन:
बेनीवाल खाप की बैठक में नेताओं ने कहा कि किसानों को दिल्ली जाने से रोकना एक अलोकतांत्रिक कदम है और किसानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। खाप के नेताओं ने इस आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया।

पुलिस और प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं, जबकि किसान नेताओं का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन को और तेज कर सकते हैं।


Discover more from News On Radar India

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

You might also like

Comments are closed.