विदेश में बसने की होड़ में वैध-अवैध का फर्क मिटा
विदेश जाने की चाहत में लोग गैरकानूनी रास्तों को भी अपना रहे हैं, फर्जी दस्तावेजों से बढ़ रही धोखाधड़ी।…
पंजाब विदेश में बसने का सपना संजोए युवाओं के लिए अब वैध और अवैध के बीच का फर्क मिटता जा रहा है। पहले जहां लोग कानूनी तरीके से विदेश जाने की प्रक्रिया अपनाते थे, वहीं अब गैरकानूनी रास्तों का सहारा लेना आम हो गया है। फर्जी दस्तावेजों, अवैध ट्रैवल एजेंटों, और ह्यूमन ट्रैफिकिंग नेटवर्क के जरिए लोग दूसरे देशों में प्रवेश पाने की कोशिश कर रहे हैं।
हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां युवाओं को नौकरी या पढ़ाई के बहाने ठग लिया गया, और वे विदेश में फंस गए। कुछ मामलों में उन्हें अवैध रूप से बॉर्डर पार कराने की कोशिश की गई, जिससे उनकी जान तक खतरे में पड़ गई।
विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से हर साल हजारों युवा विदेश जाने के लिए उत्सुक रहते हैं। कुछ फर्जी एजेंट इस स्थिति का फायदा उठाकर नकली वीजा, पासपोर्ट और अप्रूवल लेटर तैयार कर देते हैं। जब तक व्यक्ति को हकीकत का पता चलता है, तब तक वे लाखों रुपये गवां चुके होते हैं।
हाल ही में अमेरिका, कनाडा, यूके और यूरोपियन देशों की सरकारों ने फर्जी दस्तावेजों पर आने वाले प्रवासियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। कई मामलों में लोगों को डिपोर्ट कर दिया गया, जबकि कुछ को गिरफ्तार कर लिया गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि विदेश जाने की सही प्रक्रिया अपनाने और अधिकृत एजेंटों से संपर्क करने से इस समस्या से बचा जा सकता है। सरकार को भी सख्त निगरानी रखते हुए ऐसे फर्जी एजेंटों और मानव तस्करों पर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भोले-भाले लोग ठगी का शिकार न हों।