वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एस.पी. ओसवाल से ठगी के मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन से ठगी का मामला: विदेश से जुड़े तार और चौंकाने वाले खुलासे
लुधियाना : में वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एस.पी. ओसवाल के साथ हुई ठगी के मामले में गिरफ्तार आरोपियों से कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। यह मामला केवल एक ठगी का नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध का प्रतीक है।
गिरफ्तार आरोपियों अतनू चौधरी और आनंद चौधरी ने बताया कि वे केवल पियादे हैं और इस ठगी के मास्टरमाइंड अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। आरोपियों ने एक नकली सुप्रीम कोर्ट का निर्माण किया था, जिसमें एक व्यक्ति को जज और दूसरे को वकील बना दिया गया था।
नकली वीडियो कांफ्रेंसिंग का खेल:
आरोपियों ने एस.पी. ओसवाल के साथ कोर्ट में सुनवाई कराने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस का सहारा लिया, ताकि सब कुछ वास्तविक लगे। इस नाटक में उन्होंने किसी भी तरह का कोई लूपहोल नहीं छोड़ा, जिससे कारोबारी को संदेह हो सके।
नकली ऑफिस और वर्दी का जाल:
ठगी के इस खेल में आरोपियों ने एक ऑफिस तैयार किया था, जो सी.बी.आई. के ऑफिस की तरह दिखता था। उस ऑफिस पर मुंबई पुलिस और सी.बी.आई. का लोगो लगा हुआ था। एक आरोपी ने सी.बी.आई. अधिकारी की नकली वर्दी पहनकर कारोबारी को स्काइप पर वीडियो कॉल किया, जिससे ओसवाल को कोई शक नहीं हुआ कि वे ठगी का शिकार हो रहे हैं।
इस पूरे मामले ने न केवल ठगी की परिभाषा को बदल दिया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे अपराधी तकनीक का उपयोग कर अपने आप को सही साबित करने में सक्षम हैं।
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