यमुनानगर निगम चुनाव में वार्ड आरक्षित होने से सरगर्मियां तेज
यमुनानगर (हरियाणा) : यमुनानगर में आगामी निगम चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनावी प्रक्रिया में अब एक नया मोड़ आ गया है, जब स्थानीय वार्डों का आरक्षण घोषित किया गया। इस आरक्षण के बाद कई नेताओं के चुनावी अरमानों पर पानी फिर गया है। जिन नेताओं ने विशेष वार्डों से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर ली थी, अब उन नेताओं के पास विकल्प सीमित हो गए हैं।
वार्ड आरक्षण के बाद कई नेता अपनी उम्मीदवारी बदलने पर मजबूर हो गए हैं। कुछ नेता तो ऐसे थे जिन्होंने एक विशेष वार्ड से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी, लेकिन आरक्षण के कारण अब उन्हें अपना उम्मीदवार बदलने की आवश्यकता पड़ रही है। इस आरक्षण ने राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है।
गौरतलब है कि चुनावी माहौल में आरक्षण के इस फैसले के बाद सियासी दलों की रणनीतियों में भी बदलाव देखा जा रहा है। कुछ दलों के कार्यकर्ता अपनी पार्टी के निर्णयों से खुश नहीं हैं, तो वहीं कई अन्य दल नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारने के लिए विचार कर रहे हैं। इस बदलाव से कई नेताओं की चुनावी रणनीतियां प्रभावित हुई हैं और उन्हें अपने चुनावी गणित पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस आरक्षण से कुछ राजनीतिक दलों को फायदा हो सकता है, जबकि कुछ के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है। आरक्षण का यह फैसला आने वाले चुनावी नतीजों पर असर डाल सकता है। इस बीच, यमुनानगर में चुनावी प्रचार भी जोर पकड़े हुए हैं और उम्मीदवार अपनी जीत को लेकर पूरा जोर लगा रहे हैं।
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