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मोदी सरकार का 5 साल का विजन: 1 करोड़ नए घरों का निर्माण कैसे होगा?

भारत सरकार ने अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ किफायती और शहरी घरों के निर्माण का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शहरी विकास को गति देने के लिए बनाई गई है, जिसमें भारत की बढ़ती शहरी आबादी को ध्यान में रखते हुए रियल एस्टेट क्षेत्र को एक नई दिशा दी जाएगी।

कैसे पूरा होगा 1 करोड़ घरों का सपना?

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव और मिशन निदेशक कुलदीप नारायण ने अबू धाबी में आयोजित एक सम्मेलन में यह जानकारी दी कि पिछले नौ वर्षों में सरकार ने 90 लाख किफायती घरों का निर्माण किया है, जो पिछले दशकों के मुकाबले दस गुना अधिक है। अब सरकार का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ घरों का निर्माण करना है। इस दिशा में कई योजनाओं पर काम हो रहा है, जो रियल एस्टेट क्षेत्र और शहरीकरण को बढ़ावा देगी।

सरकार का दृष्टिकोण:

  1. शहरीकरण और बुनियादी ढांचे का विस्तार: सरकार का मानना है कि भारत में शहरीकरण की गति तेज़ी से बढ़ रही है और अगले 20 वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7-8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। ऐसे में शहरी विकास और नई बस्तियों का निर्माण आवश्यक होगा।
  2. नवोन्मेषी शहरी नियोजन: कुलदीप नारायण ने कहा कि भविष्य के लिए तैयार शहरी परिवेश बनाने के लिए यूएई जैसे देशों से सर्वोत्तम तरीकों को अपनाने की आवश्यकता है, जो पर्यावरण-अनुकूल और समावेशी हों।
  3. सतत और टिकाऊ विकास: भारत में रियल एस्टेट क्षेत्र का सफर अब किफायती घरों से शुरू होकर, अब टिकाऊ और लक्ज़री आवासों तक पहुंच चुका है। यह शहरी विकास के साथ-साथ पर्यावरणीय दृष्टिकोण को भी ध्यान में रखेगा।

नारेडको की भूमिका:

नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा कि यह सम्मेलन भारत और यूएई के रिश्तों को मजबूत करने के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें शहरी विकास, सतत निर्माण और नवीनीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत के 21 राज्यों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में शामिल हुए और अब वे टिकाऊ शहरी विकास के महत्वपूर्ण सबक लेकर वापस लौटेंगे।

भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान:

नारेडको के चेयरमैन डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि वर्तमान में रियल एस्टेट क्षेत्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7% योगदान करता है, जो आगामी वर्षों में बढ़कर 15% तक पहुंच सकता है। इस क्षेत्र का विकास रोजगार, निवेश और 270 सहायक उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।

संक्षेप में:

मोदी सरकार का विजन 1 करोड़ घरों का निर्माण एक बड़ा कदम है जो शहरी विकास, पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होगा। रियल एस्टेट क्षेत्र के इस विस्तार से न केवल आवास की कमी दूर होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

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