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मनरेगा में साड़ी पहनकर फर्जी मजदूरी का खुलासा..

महिलाओं के नाम पर पुरुषों ने की मजदूरी, जांच में सामने आया मनरेगा में बड़ा फर्जीवाड़ा…

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कर्नाटक : देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने की योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) एक बार फिर फर्जीवाड़े के कारण चर्चा में आ गया है। हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें पुरुषों ने साड़ी पहनकर महिलाओं के नाम पर मजदूरी की। यह खुलासा जांच के दौरान हुआ, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

मामला उस वक्त सामने आया जब अधिकारियों को मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों की फील्ड विजिट के दौरान कुछ गड़बड़ियां महसूस हुईं। जब रिकॉर्ड खंगाले गए और कुछ वीडियो फुटेज की जांच की गई, तो पाया गया कि कई जगहों पर जिन मजदूरों के नाम पर भुगतान किया गया था, वे महिलाएं थीं, लेकिन असल में काम करने वाले पुरुष थे। इन पुरुषों ने साड़ी पहनकर महिलाओं का रूप धारण किया ताकि रिकॉर्ड में नाम मेल खा सकें।

जांच में पता चला कि इस फर्जीवाड़े के पीछे स्थानीय स्तर पर कुछ अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों की मिलीभगत हो सकती है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि ऐसे मामलों की संख्या और भी अधिक हो सकती है, जिनकी अभी जांच चल रही है। जिन महिलाओं के नाम पर काम दिखाया गया, उनमें से कई को इस बात की जानकारी तक नहीं थी कि उनके नाम से भुगतान हो चुका है।

यह मामला न केवल सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह से गरीबों और महिलाओं के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। मनरेगा जैसी योजना, जो ग्रामीणों को रोजगार देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, वह अब भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का शिकार बनती जा रही है।

प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। यह घटना एक बार फिर इस बात पर जोर देती है कि सरकारी योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद जरूरी है।


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