बी.आर. चोपड़ा: हिट फिल्मों का निर्माण करने वाला प्रोडक्शन हाउस कैसे हुआ बर्बाद
मुंबई: बी.आर. चोपड़ा का नाम हिंदी सिनेमा के उन चमकते सितारों में शामिल है जिन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस बी.आर. फिल्म्स के बैनर तले एक से बढ़कर एक सफल फिल्मों का निर्माण किया। इनके बैनर ने ‘नया दौर,’ ‘वक़्त,’ और ‘इंसाफ का तराजू’ जैसी लोकप्रिय फिल्मों से सिनेमा को नई दिशा दी। चोपड़ा ने छोटे पर्दे पर भी एक अनमोल योगदान दिया, जिसे ‘महाभारत’ धारावाहिक के रूप में आज भी याद किया जाता है। हालांकि, समय के साथ यह प्रोडक्शन हाउस अपनी पहचान खो बैठा। आइए जानते हैं इसकी
नई पीढ़ी का प्रबंधन में रुचि न लेना:
बी.आर. चोपड़ा की विरासत को आगे बढ़ाने में उनकी नई पीढ़ी ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। पारिवारिक मतभेद और प्रबंधन में सुस्ती के चलते बी.आर. फिल्म्स का भविष्य अनिश्चित होता गया।
बदलते समय में ढलने में नाकामयाबी:
हिंदी सिनेमा में तकनीकी बदलाव और नई शैली की मांग के अनुरूप बी.आर. फिल्म्स खुद को ढाल नहीं पाया। नई सोच और उभरते कलाकारों को शामिल न करने की वजह से यह प्रोडक्शन हाउस दर्शकों से दूर होता गया।
धारावाहिकों पर फोकस का कम होना:
बी.आर. चोपड़ा ने ‘महाभारत’ जैसे ऐतिहासिक धारावाहिक से छोटे पर्दे पर जबरदस्त पहचान बनाई थी, लेकिन बाद के वर्षों में धारावाहिक निर्माण में उनका ध्यान कम हो गया, जिससे वे टीवी दर्शकों के बीच अपनी जगह नहीं बना पाए।
बी.आर. चोपड़ा की पुण्यतिथि के इस मौके पर हमें उनकी अद्भुत रचनात्मकता और हिंदी सिनेमा को दिए गए योगदान को याद करना चाहिए। वे एक ऐसी हस्ती थे जिन्होंने बॉलीवुड को पहचान दी और नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
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