प्रमोटरों को राहत: पंजाब सरकार ने जारी की नई पॉलिसी
सरकार की नई नीति से प्रमोटर अब 10 शर्तों के साथ प्रोजेक्ट का लाइसेंस और जमीन सरेंडर कर सकेंगे….
चंडीगढ़ / पंजाब : सरकार ने राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े प्रमोटरों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने एक नई नीति जारी करते हुए उन प्रमोटरों के लिए विकल्प खोले हैं जो किसी कारणवश समय पर अपने प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर सके या आर्थिक परेशानियों और पॉलिसी से संबंधित अड़चनों के कारण निर्माण कार्य को आगे नहीं बढ़ा पाए। अब ऐसे प्रमोटर कुछ निर्धारित शर्तों को पूरा कर अपने प्रोजेक्ट का लाइसेंस और जमीन सरकार को सरेंडर कर सकेंगे।
इस निर्णय से उन प्रमोटरों को राहत मिलेगी, जो लंबे समय से अधूरे प्रोजेक्ट्स को लेकर उलझन में थे। सरकार की इस नई नीति के तहत प्रमोटरों को 10 विशेष शर्तों का पालन करना होगा। यदि ये शर्तें पूरी की जाती हैं, तो वे बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक बोझ के प्रोजेक्ट को सरकार को सौंप सकते हैं। इससे न केवल प्रमोटरों को राहत मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी पारदर्शिता और भरोसा मिलेगा।
राज्य सरकार ने यह कदम यह सोचकर उठाया है कि रियल एस्टेट क्षेत्र में फंसे प्रोजेक्ट्स को एक सही दिशा दी जा सके और भूमि का उचित उपयोग हो। सरकार का मानना है कि अगर प्रमोटर प्रोजेक्ट को नहीं चला पा रहे, तो उन्हें एक वैकल्पिक रास्ता मिलना चाहिए ताकि परियोजना न अटके और भूमि का दोबारा से उपयोग किया जा सके।
इस पॉलिसी परिवर्तन का असर आने वाले समय में राज्य के निर्माण क्षेत्र पर व्यापक रूप से दिखाई देगा। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और रियल एस्टेट सेक्टर को नई गति मिल सकती है। नई नीति को लेकर सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यह एक सकारात्मक कदम है जो प्रमोटरों और उपभोक्ताओं दोनों के हित में है।
सरकार की इस घोषणा के बाद अब यह देखना होगा कि कितने प्रमोटर इस योजना का लाभ उठाते हैं और कितनी जमीनें तथा लाइसेंस सरकार को लौटाए जाते हैं।
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