पीजीआई में हियरिंग मशीन खराब, नवजातों की जांच प्रभावित
पीजीआई के नेहरू अस्पताल में दो महीने से खराब पड़ी हियरिंग मशीन, नवजातों की जांच बंद
चंडीगढ़: चंडीगढ़ स्थित पीजीआई के नेहरू अस्पताल में स्थित मैटरनिटी वार्ड में हियरिंग मशीन दो महीने से खराब पड़ी हुई है, जिससे नवजात शिशुओं की सुनने की क्षमता की जांच प्रभावित हो रही है। इस वजह से दूर-दराज से आईं कई परिजनों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। हालांकि, उन्हें हर बार एक नई तारीख दी जा रही है, लेकिन यह नहीं बताया जा रहा कि मशीन कब ठीक होगी।
परिजनों का कहना है कि वे कई बार पीजीआई आकर जांच के बारे में पूछ चुके हैं, लेकिन हर बार यही जवाब मिलता है कि जब मशीन ठीक होगी तब जांच हो सकेगी। हरियाणा से आए एक परिजन ने बताया कि उनका बच्चा प्री-मेच्योर डिलीवरी के कारण पीजीआई में भर्ती था और डॉक्टर ने उन्हें 20 दिन पहले हियरिंग टेस्ट की तारीख दी थी। चार बार वार्ड में जाकर जानकारी लेने पर हर बार उन्हें यही बताया गया कि मशीन ठीक होने पर ही टेस्ट हो सकेगा।
हियरिंग टेस्ट का महत्व
नवजात शिशु के सुनने की क्षमता का परीक्षण स्वचालित ओटोअकॉस्टिक एमिशन (OAE) परीक्षण के माध्यम से किया जाता है, जिसमें केवल कुछ ही मिनट लगते हैं। इस टेस्ट में एक छोटे से ईयरपीस का उपयोग कर बच्चे के कान में हल्की क्लिकिंग ध्वनियां बजाई जाती हैं। जन्मजात श्रवण हानि का कोई इलाज नहीं है, लेकिन समय रहते पहचान कर उपचार से भाषण और भाषा में देरी को रोका जा सकता है।
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