पंजाब सरकार बैकफुट पर, सुखना ईको सेंसटिव जोन 100 मीटर तक रहेगा
पर्यावरणीय मुद्दों पर पुनर्विचार, कमेटी गठित करने की घोषणा
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने सुखना वन्य जीव अभयारण्य के आसपास ईको सेंसटिव जोन (ईएसजेड) के प्रस्ताव को लेकर बड़ा कदम उठाया है। पहले प्रस्तावित तीन किलोमीटर के दायरे को लेकर विवाद बढ़ने के बाद अब पंजाब सरकार ने इस मुद्दे पर पुनर्विचार का निर्णय लिया है। सरकार ने अब ईको सेंसटिव जोन को केवल 100 मीटर तक ही सीमित करने का फैसला किया है।
कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने इस संबंध में कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले का समर्थन करेंगे और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे जो इस मामले में सरकार का ठीक से पक्ष नहीं रख पाए। उन्होंने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर कानूनी सलाह लेने के लिए एक 10 सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें वन्य विभाग, निकाय विभाग और शहरी विकास विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।
यह निर्णय एक जनसुनवाई के बाद लिया गया, जिसमें नयागांव, कांसल, नाडा और करोरां जैसे क्षेत्रों के हजारों लोग शामिल हुए थे। इस दौरान निवासियों ने यह मुद्दा उठाया कि चंडीगढ़ प्रशासन ने बिना कैबिनेट मंजूरी के सुखना क्षेत्र के ईको सेंसटिव जोन का दायरा बढ़ा दिया। इसके अलावा, चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ आरोप लगाए गए कि उसने अवैध तरीके से 2296 एकड़ जमीन पर कब्जा किया है।
पंजाब भाजपा के मीडिया प्रभारी विनीत जोशी ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की और पंजाब सरकार से सुखना के ईको सेंसटिव जोन को लेकर उचित कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस फैसले को स्वीकार करती है तो इससे क्षेत्र के लोगों को समस्या हो सकती है।
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