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पंजाब पुलिस की नाकामी पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल, डीजीपी और गृह सचिव को तलब

हाईकोर्ट ने वरिंदर पाल सिंह की गिरफ्तारी में देरी पर पंजाब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए, डीजीपी और गृह सचिव को 11 फरवरी को अदालत में पेश होने का आदेश।

पंजाब :एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने फिरोजपुर जिले में भगोड़ा करार दिए गए वरिंदर पाल सिंह की गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर पंजाब पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि चार साल से एफआईआर दर्ज होने के बावजूद आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई, जो पंजाब पुलिस की नाकामी को दर्शाता है। कोर्ट ने इस मामले में पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली पर गहरी चिंता जताते हुए 11 फरवरी, 2025 को पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और गृह सचिव को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

फिरोजपुर जिले में वरिंदर पाल पर एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन चार साल से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद पुलिस आरोपी को पकड़ने में नाकाम रही है। मामले की सुनवाई के दौरान फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौम्या मिश्रा ने अदालत को बताया कि आरोपी के तीन बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं और उसकी जमीन भी कुर्क की जा चुकी है, इसके बावजूद पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी।

राज्य सरकार के वकील ने अदालत को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा, लेकिन कोर्ट ने कहा कि पहले भी इस तरह के भरोसे दिलाए गए थे, परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अदालत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि या तो अधिकारी अपनी ड्यूटी करने से बच रहे हैं या फिर पुलिस प्रशासन आरोपी को पकड़ने में असमर्थ है। इसके चलते कोर्ट ने कड़े शब्दों में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और अधिकारियों को तलब किया है।

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