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पंचकूला का मदनपुर प्राइमरी स्कूल: बच्चों को जमीन पर बैठाकर पढ़ाई, ऊपर हाईटेंशन तार की वजह से नहीं बन सकता नया भवन

पंचकूला : पंचकूला के गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल मदनपुर की हालत शिक्षा के प्रति सरकार के दावों की पोल खोलती है। यहां 255 बच्चे दो छोटे कमरे और एक बरामदे में पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों को बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था नहीं है, जिससे उन्हें जमीन पर टाट बिछाकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। इसके अलावा, स्कूल के ऊपर से हाईटेंशन बिजली के तार गुजर रहे हैं, जिससे इस स्कूल में नया भवन बनाना संभव नहीं हो पा रहा है।

स्कूल की खराब हालत:
मदनपुर प्राइमरी स्कूल में पहली से पांचवीं तक कक्षाएं चलती हैं। हालांकि, बच्चों की संख्या ज्यादा होने के कारण नए भवन की आवश्यकता महसूस की गई थी। शिक्षा विभाग ने कई बार सर्वे किया, लेकिन हाईटेंशन तार के कारण नया भवन नहीं बना सकता। इस स्कूल को 2003 से चलाया जा रहा है, लेकिन 22 साल बाद भी स्कूल की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।

बच्चों के लिए उचित सुविधाओं का अभाव:
स्कूल में बेंच, फर्नीचर या बैठने की सही व्यवस्था नहीं है। इसके कारण, बच्चों को टाट बिछाकर बैठना पड़ता है, जिससे उनकी पढ़ाई में कठिनाई होती है। नर्सी भगत, स्कूल की हेड मास्टर, ने कहा, “बच्चों की संख्या और कमरों की कमी की वजह से उन्हें जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। हमने कई बार इस समस्या के बारे में शिक्षा विभाग को सूचित किया, लेकिन अभी तक समाधान नहीं मिला है।”

कक्षाओं का विस्तार नहीं हो पा रहा है:
स्कूल के ऊपर से गुजर रहे हाईटेंशन तार की वजह से यहां पर कोई नया निर्माण संभव नहीं हो पा रहा है। शिक्षा विभाग ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और एक नई साइट पर स्कूल को शिफ्ट करने के लिए एचएसवीपी को पत्र लिखने की योजना बनाई है।

सिस्टम की लापरवाही:
पंचकूला के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, संध्या छिकारा, ने कहा कि स्कूल को दो शिफ्टों में चलाया जा सकता है और इसके लिए स्कूल के प्रधानाचार्य से पत्र भेजने की आवश्यकता है, जिससे इस पर विचार किया जा सके। लेकिन, समस्या का स्थायी समाधान अभी तक नहीं निकला है।

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