धान की खेती में सावधानी पूसा की एडवाइजरी से जानें कीटों का सामना कैसे करें
पंजाब: धान की खेती में इस वर्ष विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) ने किसानों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें धान की फसल को बर्बाद कर सकते कीटों के बारे में चेतावनी दी गई है।
मुख्य कीटों की पहचान:
पूसा की एडवाइजरी में बताया गया है कि कुछ प्रमुख कीट जैसे कि ‘हेलिकोवर्पा’, ‘स्लग’, और ‘गोल्डन माइट’ धान की फसल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये कीट फसल की पत्तियों को काटकर, रस चूसकर और संक्रमित करके फसल की वृद्धि को बाधित करते हैं। ऐसे में किसानों को इन कीटों की पहचान करना और उनके प्रभाव को समझना जरूरी है।
निवारक उपाय:
किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों में नियमित रूप से कीटों की निगरानी करें। इसके अलावा, पौधों को स्वस्थ रखने के लिए जैविक उर्वरकों का उपयोग करें और कीटनाशकों का छिड़काव आवश्यकतानुसार करें। यदि कीटों की संख्या बढ़ती है, तो तत्काल प्रभावी कीटनाशकों का उपयोग करें, लेकिन ध्यान रहे कि यह प्राकृतिक संतुलन को न बिगाड़े।
सामूहिक प्रयास की आवश्यकता:
पूसा ने किसानों को सामूहिक प्रयास करने की सलाह दी है। समूह में मिलकर काम करने से कीटों पर नियंत्रण करना आसान होता है और फसल की सुरक्षा में मदद मिलती है। इसके अलावा, कृषि विशेषज्ञों और कृषि विभाग से परामर्श करना भी फायदेमंद साबित होगा।
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