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देवली ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा, शार्प शूटर जसदीप गिरफ्तार…

हरियाणा के यमुनानगर निवासी मुख्य सरगना जसदीप उर्फ दीप को पुलिस ने किया गिरफ्तार, देवली में हुए सनसनीखेज हत्याकांड का राज खुला…

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घटना 20 दिसंबर 2024 को पिड़ित संतोष कुमार पुत्र शक्ति सिंह उर्फ सिंगा कंजर उम्र 40 वर्ष निवासी पोल्याडा थाना दूनी जिला टोंक ने एक रिपोर्ट दर्ज करवाई कि 19 दिसंबर 2024 को में अपने गांव पोल्याडा में था । उसी दौरान समय करीबन 06.30 बजे शाम को मेरे पास इंस्टाग्राम पर कॉल आया और मुझे बताया कि 3 आदमी देवली बस स्टेण्ड पर आ गये उन्हे लेकर अपने गाँव आ जाओ, जिस नम्बर से मेरे पास कॉल आया उस नम्बर से में 10-12 दिन से वाटसअप चेटिंग, वाटसअप कॉलिंग एवं इंस्टाग्राम कॉलिंग करता था। लेकिन मुझे उस व्यक्ति का नाम पता मालुम नहीं था । मुझे लगा के व्यक्ति पंजाब के रहने वाले होंगे। उसके बाद मैं और मेरा जीजा कमल पुत्र रामनिवास कंजर घाड, पोल्याडा निवासी वीरु पुत्र श्रीचंद कंजर तथा पोल्याडा निवासी जीतू की कार RJ-26-CA- 9572 बलेनो कार को लेकर अस्पताल दिखाने के बहाने हम तीनो रवाना होकर समय करीबन 07.30 बजे देवली बस स्टेण्ड पर पहुंचे व देवली बस स्टेण्ड के अन्दर से तीन व्यक्ति आये वो उन तीनों को हमने हमारी गाडी में बैठ लिया। मैं खलासी साइड में बैठा गया व वीरु गाडी चला रहा था और कमल व तीनो व्यक्ति पीछे बैठ गये । हम सामान्य बात करते हुए जा रहे थे जयपुर रोड़ पर स्थित सिद्वार्थ होटल के पास पहुंचे की कार में गोली चलने की आवाज आई, फिर मुझ पर भी पीछे बैठे व्यक्तियो ने गोली चलाई जिससे मेरे कंधे पर गोली लगी फिर मैने और मेरे दोस्त वीरु ने उनसे एक पिस्तोल छीन कर हम लोग गाडी से नीचे उतर कर भागे । उन तीनों व्यक्ति ने कमल कंजर को कार सहित अपहरण कर ले गये व गोली मारकर कमल की हत्या कर कार को मेहन्दवास मोड पर खडी कर छोड़कर भाग गये कमल की हत्या करने वाले को सामने आने पर हम पहचान सकते है। जिस पर पुलिस थाना देवली में
आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

गाडी मे सवार पीड़ित पक्ष के तीनों लोगों की हत्या का था ईरादा

मामले में जांच के दौरान सामने आया कि शूटर गैंग के तीनों सदस्य लोडेड़ हथियारों से लैस थे, जिनका ईरादा अफीम खरीदनें के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार बनाने वाले परिवादी पक्ष के तीनों लोगो को मौका पाकर हत्या करने की फिराक में थे । वारदात के दौरान एक पिस्टल मैग्जीन से निकलने एवं एक पिस्टल लॉक होने के कारण से अपराधियों की इच्छानुसार फायर नहीं हो पाये।

गिरफ्तार आरोपी गैंगस्टर के रूप बडी पहचान बनाने के लिये फायरिंग कर लोगो में खौफ पैदा करते थे। थानाधिकारी देवली व साईबर सैल टीम के नेतृत्व में जिला यमुनानगर (हरियाणा) में अनुसंधान के दौरान यह तथ्य सामने आये की मामलें में गिरफ्तार शातिर शूटर जसदीप उर्फ दीप अपने अन्य साथियों के साथ बडे अपराधी के तौर पहचान बनाने व आस-पास के क्षेत्र में लोगो में भय पैदा करने के लिये अक्सर छोटे-छोटे कारणों पर भी फायरिंग करने का आदि है, जिसके द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ पूर्व में हरनोल गांव जिला यमूनानगर व गांव निसींग जिला करनाल हरियाणा में कुछ ही दिनों के अन्तराल में दो बार फायरिंग की बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया गया ।

गिरफ्तार आरोपी ने सडक हादसे मे बायां पैर गवा दिया था, जिसे वारदात के बाद पुलिस को गुमराह करने का बनाया हथियार मामलें में गिरफ्तार आरोपी जसदीप उर्फ दीप पूर्व में ट्रक ड्राईवरी का काम करता था। जिसका वर्ष 2021 में रोड एक्सीडेण्ट के दौरान बायां पैर कट गया था । जिस पर आरोपी ने आर्टिफिशयल पैर लगाया। आरोपी इस पैर को शातिराना अंदाज में अपने बचाव के तौर पर प्रयुक्त करता है। वारदात करने वह बिना बैशाखियों के सहारे आर्टिफिशियल पैर के सहारे आसानी से ना केवल चल फिर सकता है। बल्कि आवश्यक होने पर दौड़ भी लगा सकता है जो पुलिस द्वारा पीछा करने या शक करने की सूरत में आर्टिफिशियल पैर को हटाकर एक पैर से दिव्यांग बनते हुये बैशाखियां पकड़ लेता है ताकि पुलिस द्वारा उस पर गंभीर वारदाते करने का
शक पैदा न हों ।

मामलें की गंभीरता को देखते हुये गठित टीम द्वारा पूरी वारदात का बारीकी से जांच कि गयी व घटनास्थल के आसपास, बस स्टेण्ड देवली, बस स्टेण्ड टोंक एवं बस स्टेण्ड बूंदी के आसपास होटल, धर्मशालाएं आदि पर गहन जांच करते हुये पीडित पक्ष द्वारा बताये गये हुलिये के आधार पर अपराधियों की सुराग व सूचनाएं इकट्ठे की गई। लगभग 600 कैमरों की जांच की गयी अपराधियों के आने एवं जाने के रुट चिन्हित किये गये। अपराध से पूर्व अपराधियों द्वारा ठहरने, वारदात को सुगम बनाने के लिये रैकी करने एवं अपराध करने के पश्चात निकल भागने के संभावित मार्गो के बारे में जानकारीयां एकत्रित की गयी।

वारदात के खुलासे व अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु पीड़ित पक्ष के लोगों द्वारा अन्य राज्यों के लोगो से नकली सोना, मादक पदार्थ बेचनें के नाम पर संभावित रूप से कि जाने वाली धोखाधडीयों की ध्यान में रखते हुये। पुलिस जांच का दायरा राज्य बाहर पंजाब एवं हरियाणा पर केन्द्रित किया गया। व हत्या के कारण के तौर पर इसी प्रकार की ठगी की किसी वारदात की संभावना के पुख्ता आधार होने पर ऐसे गिरोहों का जांच का केन्द्र बनाया गया। जिनके लिये बदला लेनें या भय पैदा करने के आशय से आम तौर पर फायरिंग करना और हत्या करना आम बात है । अन्य राज्यों से इस सन्दर्भ में ऐसे लोगों की जानकारीया जुटाई गयी। घटना की जांच से सामने आया आरोपी के इस वारदात में संलिप्त होने के बारे में ठोस साक्ष्य प्राप्त करने में सफलता हासिल की

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