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देवउठनी एकादशी आज: बाजारों में चहल-पहल और रौनक

देवउठनी एकादशी के मौके पर बाजारों में खरीदारी की जबरदस्त रौनक रही। गन्ना, शकरकंद और सिंघाड़ा प्रमुख सामग्रियों की बिक्री के साथ-साथ कपड़े और ज्वेलरी की खरीदारी में भी लोगों का उत्साह देखने को मिला। यह पर्व वैवाहिक और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत का प्रतीक है।

देवउठनी एकादशी का महत्त्व: देवउठनी एकादशी का पर्व आज, मंगलवार को मनाया जा रहा है।
यह दिन देवों के योग निद्रा से जागने का प्रतीक है, जो चार माह बाद होता है।
देवों के जागने के साथ ही वैवाहिक और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।

बाजारों की रौनक: रोहतक और बहादुरगढ़ के बाजारों में इस पर्व को लेकर चहल-पहल देखने को मिली।
रेलवे रोड, मेन बाजार, नाहरा-नाहरी रोड और ड्रेन वाले रास्तों पर भीड़भाड़ रही।
गन्ना, शकरकंद और सिंघाड़े की खरीदारी में विशेष उत्साह देखा गया।

कीमतें और बिक्री:

शकरकंद की कीमत: ₹30 प्रति किलो।
सिंघाड़ा की कीमत: ₹30 प्रति किलो।
गन्ने की कीमत: ₹30-40 प्रति गन्ना।

इन सामग्रियों की खरीदारी से बाजार गुलजार रहे।

अन्य सामग्री की बिक्री: कपड़े, ज्वेलरी और सौंदर्य प्रसाधन सामग्रियों की भी जमकर खरीदारी हुई।
दुकानों को पर्व के हिसाब से आकर्षक ढंग से सजाया गया।

पर्व की परंपरा: देवउठनी एकादशी पर पूजा-अर्चना कर देवों को जगाने की परंपरा निभाई जाती है।
इस दिन को वैवाहिक और मंगल कार्यों के शुभारंभ का प्रतीक माना जाता है।

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