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तरनतारन हत्या मामले में दोष सिद्धि बरकरार, हाईकोर्ट ने मृत्युदंड की मांग खारिज की

हाईकोर्ट ने चार दोषियों की सजा को बरकरार रखा, जुर्माना 50,000 से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया

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चंडीगढ़ : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने तरनतारन जिले में हुए दोहरे हत्याकांड के चार दोषियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा है। हालांकि, कोर्ट ने दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग को खारिज कर दिया और उनकी सजा में मामूली बदलाव किया। हाईकोर्ट ने एक दोषी गुरदेव सिंह पर 50,000 रुपये का जुर्माना बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया, जिसे मृतक के परिवार को प्रदान किया जाएगा।

यह हत्याकांड एक भूमि विवाद के कारण हुआ था, जिसमें आरोपी व्यक्तियों को इस बात पर आपत्ति थी कि भूमि का कब्जा दूसरे पक्ष के पास था। इस विवाद के चलते आरोपियों ने गोलियां चलाईं, जिससे पिता-पुत्र की मौत हो गई और एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल व्यक्ति ने पूरी घटना की गवाही दी, जिसने शिकायत दर्ज कराई थी।

हाईकोर्ट ने इस मामले में डॉ. रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, अभियुक्तों की निशानदेही पर बरामदगी और बैलेस्टिक रिपोर्ट को अभियोजन पक्ष के पक्ष में पाया। कोर्ट ने माना कि ट्रायल कोर्ट द्वारा पेश किए गए साक्ष्य में कोई गंभीर गलती नहीं हुई थी, लेकिन मृत्युदंड की दलील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामला “दुर्लभतम मामलों” की श्रेणी में नहीं आता।

सजा पर हाईकोर्ट का निर्णय:
हाईकोर्ट ने दोषियों की उम्रकैद और कठोर कारावास की सजा को बरकरार रखा, और जुर्माने की राशि बढ़ाने का फैसला लिया ताकि मृतकों के परिवार को कुछ न्याय मिल सके। कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया कि जुर्माना मृतक के परिवार को वितरित किया जाएगा, ताकि परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।


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