डॉक्टरों की खराब हैंडराइटिंग से हाईकोर्ट परेशान, सुधारने के दिए निर्देश
हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की लिखावट पर जताई नाराजगी, MLR नहीं पढ़ पाए जज…..
हरियाणा : डॉक्टरों की खराब हैंडराइटिंग से आम लोग ही नहीं, बल्कि अब हाईकोर्ट भी परेशान हो गया है। हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश मेडिकल लीगल रिपोर्ट (MLR) को पढ़ने में असमर्थ रहे, जिसके बाद अदालत ने इस समस्या पर कड़ा रुख अपनाया और इसे सुधारने के निर्देश दिए।
हाईकोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों की लिखावट इतनी अस्पष्ट होती है कि इसे पढ़ना मुश्किल हो जाता है। अदालत ने मेडिकल संस्थानों को निर्देश दिया कि वे हैंडराइटिंग सुधारने के उपाय करें और मेडिकल रिपोर्ट्स को स्पष्ट व सुपाठ्य तरीके से लिखा जाए, ताकि न्यायिक प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
मामला उस वक्त चर्चा में आया जब एक आपराधिक केस में पेश की गई मेडिकल लीगल रिपोर्ट (MLR) को पढ़ने में जजों को परेशानी हुई। रिपोर्ट की लिखावट इतनी खराब थी कि उसका सही अर्थ निकालना मुश्किल हो गया। इस पर अदालत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि डॉक्टरों को अपनी हैंडराइटिंग सुधारने पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि अस्पष्ट रिपोर्ट्स के कारण न्यायिक प्रक्रिया में देरी होती है।
हाईकोर्ट ने मेडिकल काउंसिल और संबंधित विभागों से इस मुद्दे पर जल्द से जल्द सुधारात्मक कदम उठाने को कहा है। अदालत ने सुझाव दिया कि अस्पतालों में डॉक्टरों को स्पष्ट और समझने योग्य लिखावट की ट्रेनिंग दी जाए या फिर डिजिटल प्रिस्क्रिप्शन और टाइप किए गए मेडिकल रिकॉर्ड्स को अनिवार्य किया जाए।
गौरतलब है कि डॉक्टरों की हैंडराइटिंग का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में रहा है। मरीजों को भी अक्सर डॉक्टरों की लिखावट समझने में परेशानी होती है, जिससे दवाओं की गलत जानकारी मिलने का खतरा रहता है। अब जब हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया है, तो उम्मीद की जा रही है कि इस दिशा में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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