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जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर बवाल, पांच की मौत, कई घायल

पूरी टाइमलाइन: क्या हुआ था?

संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर बवाल मच गया, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और कई अधिकारी घायल हुए। हिंसा के दौरान पुलिस और उपद्रवियों के बीच झड़पें हुईं, जिसके परिणामस्वरूप स्थिति बेकाबू हो गई।

घटना का आरंभ:
रविवार सुबह जामा मस्जिद के सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की टीम पहुंची थी। टीम का नेतृत्व चंदौसी के वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश सिंह राघव कर रहे थे। जैसे ही सर्वे की प्रक्रिया शुरू हुई, भीड़ मस्जिद में घुसने की कोशिश करने लगी। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई।

हिंसा का विस्तार:
बवाल बढ़ने पर फायरिंग भी शुरू हो गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज कर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति और भी गंभीर हो गई। पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें से दो की मौत गोली लगने से हुई। कई अधिकारी, जिसमें डीआईजी, डीएम, एसपी और एसडीएम भी शामिल हैं, घायल हुए।

अधिकारियों का बयान:
कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि सर्वे शांतिपूर्वक चल रहा था, लेकिन कुछ लोग पहले से माहौल बिगाड़ने के लिए तैयार थे। पुलिस के मुताबिक, दो युवकों की मौत गोली से हुई है, हालांकि पुलिस ने गोली नहीं चलायी थी।

घायलों में शामिल अधिकारी:
घायलों में डीआईजी, डीएम, एसपी और एसडीएम शामिल हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात पर काबू पाया, लेकिन शहर में तनाव बना रहा।

बेलाग बवाल के बाद के हालात:
शहर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई और अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई। पुलिस ने हिंसा में शामिल 10 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं।

मृतकों की पहचान:

  • नईम (35), मोहल्ला कोट तवेला
  • विलाल (22), फतेहऊनला सराय
  • रोमान (40), हयातनगर
  • कैफ (19), तुर्तीपुर इला
  • अयान (19), कोट गर्दी

विवाद का मूल कारण:

19 नवंबर को हिंदू पक्ष ने जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए अदालत में दावा पेश किया। उनका कहना है कि यह मंदिर पृथ्वीराज चौहान के शासन से पहले बना था और बाद में मस्जिद के रूप में परिवर्तित किया गया। जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद टीले पर बनी है और यह किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई।

कोर्ट में अगली सुनवाई:
कोर्ट ने 29 नवंबर को अगली सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की है, जब कोर्ट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।

शांति बनाए रखने के लिए सख्त कदम:

सुरक्षा के लिहाज से, जामा मस्जिद के आसपास सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। खासकर जुमे की नमाज के दौरान शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था।

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