जलियांवाला बाग में श्रद्धांजलि..
13 अप्रैल को जलियांवाला बाग हत्याकांड की बरसी पर जुटे लोग, पुष्प अर्पित कर किया बलिदान को नमन…
अमृतसर : जलियांवाला बाग हत्याकांड की 105वीं बरसी पर अमृतसर के ऐतिहासिक जलियांवाला बाग में देशभर से आए लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। 13 अप्रैल 1919 को ब्रिटिश जनरल डायर द्वारा निर्दोष लोगों पर करवाई गई निर्मम गोलीबारी की याद में हर वर्ष यह दिन देशवासियों के लिए बलिदान, संघर्ष और देशभक्ति का प्रतीक बन चुका है।
आज सुबह से ही जलियांवाला बाग में लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। देशभक्ति के गीतों और राष्ट्रगान के बीच लोगों ने बाग में पहुंचकर शहीदों की स्मृति में पुष्प अर्पित किए। स्कूली बच्चों, स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों और प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलकर मोमबत्तियाँ जलाईं और दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को नमन किया।
इस अवसर पर कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी हुईं जिनमें स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कविताएं, नाटक और गीत शामिल रहे। वक्ताओं ने अपने भाषणों में इस हत्याकांड के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह दिन हमें आज़ादी के उन वीर योद्धाओं की याद दिलाता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आज़ाद करवाने की नींव रखी।
जलियांवाला बाग में स्थित शहीदी कुआं, गोलियों के निशान और उस समय की दीवारें आज भी उस दर्दनाक घटना की मूक गवाह हैं। यहां आने वाले हर व्यक्ति की आंखें नम थीं लेकिन दिल में गर्व भी था कि हमारे पूर्वजों ने कितने साहस से आज़ादी की लड़ाई लड़ी।
सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए थे और पूरे बाग परिसर को साफ-सुथरा और सुसज्जित रखा गया था। यह आयोजन एक बार फिर यह संदेश देकर गया कि आज़ादी की कीमत को कभी नहीं भूला जा सकता और देश को आगे ले जाने के लिए हमें उनके आदर्शों को आत्मसात करना होगा।
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