छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबियों पर ईडी की छापेमारी..
शराब घोटाले की जांच के तहत कई स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई…
छत्तीसगढ़ : में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में की गई है। ईडी की टीमों ने सुबह से ही इन स्थानों पर दस्तावेजों की जांच और संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, यह छापेमारी छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच हुए कथित शराब घोटाले से संबंधित है, जिसकी अनुमानित राशि लगभग 2,161 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस घोटाले में सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और शराब कारोबारियों की मिलीभगत का आरोप है, जिसके तहत अवैध रूप से कमीशन और रिश्वत के माध्यम से बड़ी धनराशि अर्जित की गई थी।
ईडी की इस कार्रवाई के दौरान, राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के आवास पर भी छापा मारा गया है। लखमा पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अवैध रूप से नकद राशि प्राप्त की थी। इसके अलावा, उनके बेटे हरीश लखमा, जो जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, के ठिकानों पर भी जांच की गई है।
इससे पहले भी, अप्रैल 2024 में, राज्य की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शराब घोटाले से जुड़े मामलों में कई स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले व्यक्तियों के ठिकाने भी शामिल थे।
ईडी की ताजा कार्रवाई से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस पार्टी ने इन छापेमारियों को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है, जबकि विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवश्यक कदम बताया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि यह भाजपा की राजनीतिक ईर्ष्या का परिणाम है और विपक्ष को बदनाम करने की साजिश है।
वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि ईडी की कार्रवाई कानून के अनुसार हो रही है और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है और कहा है कि ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
ईडी की इस कार्रवाई से राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है, और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है। राज्य की जनता इस मामले पर पैनी नजर रखे हुए है और निष्पक्ष जांच की उम्मीद कर रही है।