चितकारा यूनिवर्सिटी ने ‘चितकारा लिट फेस्ट 2025’ के तीसरे संस्करण का किया सफल आयोजन
– विचारों, शब्दों और रचनात्मता का उत्सव!
चंडीगढ़: चितकारा यूनिवर्सिटी में ‘चितकारा लिट फेस्ट’ के तीसरे संस्करण का आय़ोजन शानदार तरीके से संपन्न हो गया। इसका आयोजन 20 फरवरी से 22, फरवरी तक किया गया जिसमें साहित्यकारों , कहानीकारों और विचारकों ने हिस्सा लिया। अपनी शुरूआत के तीन सालों में ही इस फेस्ट ने इस क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण पहचान बना ली है जो कि बौद्धिक बहस, रचनात्मकता और सांस्कृतिक उत्सव का पर्याय बन गया है।
चितकारा यूनिवर्सिटी के हिमाचल प्रदेश और पंजाब परिसरों में तीन दिनों तक चले कार्यक्रम का समापन चितकारा इंटरनेशनल स्कूल में भव्य तरीके से संपन्न हुआ। इस फेस्ट में प्रभावशाली वक्ताओं ने अपने विचार रखे जिसमें पैनल चर्चा और बुक साइऩिंग आदि कार्यक्रम शामिल थे। जीवंत स्टालों, इंटरैक्टिव सत्रों ने आउटडोर एरिया में उत्सव के अनुभव को और अधिक विस्तृत बना दिया जिसमें छात्रों ने भी विभिन्न साहित्यिक और रचनात्मक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया।
महोत्सव के प्रभाव के बारे में विचार व्यक्त करते हुए चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डा. मधु चितकारा ने कहा कि, “चितकारा लिट फेस्ट एक ऐसा मंच बन गया है जहां विचारों को उड़ान मिलती है, कहानियों को नया अर्थ मिलता है और साहित्य जुड़ाव और प्रेरणा का एक शक्तिशाली स्रोत बन जाता है। छात्रों, शिक्षकों और साहित्य की जानी मानी हस्तियों के अपने उत्साह से हमारी संवाद को बढ़ावा देने , रचनात्मकता और बौद्धिक विचारों के आदान प्रदान करने करके लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। रचनात्मकता और बौद्धिक आदान-प्रदान के लिए चितकारा लिट फेस्ट एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया है। यह आयोजन उच्च बौद्धिक क्षमता वाले लोगों का सिर्फ जमावड़ा ही नहीं है बल्कि यह रचनात्मकता को बढ़ाने के साथ ही विचारों के आदान-प्रदान करने और कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने का मूवमेंट है। हम इस यात्रा को जारी रखने और चितकारा लिटरेचर फाउंडेशन का मान और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आने वाले वर्षों में यह उत्सव और भी अधिक रोमांचक होने वाला है और हम इस यात्रा को आने वाले सालों में आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ।
इस महोत्सव में कई जानी मानी हस्तियों जैसे कल्कि कोचलिन, शोभा डे, लिसा रे, नीलेश मिश्रा, संध्या मृदुल और दिव्य प्रकाश दुबे ने व्यावहारिक चर्चाओं और दमदार कहानी कहने से दर्शकों को आकर्षित किया। स्पोकन वर्ड आर्टिस्ट प्रिया मलिक और निधि नरवाल ने कविताओं को जीवंत कर दिया, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ‘टाइनी’ ढिल्लों (सेवानिवृत्त) और डॉ. थॉमस मैथ्यू ने लीडरशिप ,रेजीलेंस और विरासत के बारे में रोचक बातें बताईं। प्रत्येक सत्र में व्यक्तिगत यात्रा से लेकर सामाजिक परिवर्तन तक के विषयों पर गहन चर्चा की गई, तथा सार्थक विचार उत्पन्न किए गए और नए दृष्टिकोण को प्रेरित करना।
पहले दो दिनों में, महोत्सव में छात्रों, विद्वानों और शिक्षकों ने भाग लिया, जबकि भव्य समापन समारोह में पूरे क्षेत्र से साहित्य प्रेमियों का स्वागत किया गया, जिनमें पूर्व छात्र, अभिभावक, शिक्षक, उद्योग भागीदारों, शैक्षणिक सहयोगियों और प्रमुख हितधारक शामिल थे। इस सार्वजनिक रूप से खुले कार्यक्रम ने चितकारा इंटरनेशनल स्कूल ने ऐसा माहौल बनाया जहां साहित्य प्रेमी, महत्वाकांक्षी लेखकऔर रचनात्मक विचारक लिखित और मौखिक शब्द के संवाद, खोज और उत्सव में लगे हुए हैं।
चितकारा लिट फेस्ट के एक और सफल संस्करण के समापन के साथ ही, इस महोत्सव ने साहित्यिक और सांस्कृतिक जुड़ाव के लिए एक गतिशील मंच के रूप में अपनी भूमिका की पुष्टि की। इसने उपस्थित लोगों को प्रेरित, उत्साहित और शब्दों और विचारों की इस यात्रा के अगले अध्याय के लिए उत्सुक बना दिया। (युद्धवीर सिंह की रिपोर्ट)