चंडीगढ़ प्रशासन के काम अटके, केंद्र ने नहीं जारी किया रिवाइज्ड एस्टीमेट
फंड की कमी से विकास कार्य प्रभावित, ठेकेदारों और कर्मचारियों की पेमेंट रुकी….
चंडीगढ़। केंद्र सरकार द्वारा अब तक रिवाइज्ड एस्टीमेट (आरई) जारी न किए जाने के कारण चंडीगढ़ प्रशासन के कई नॉन-प्लान कार्यों पर रोक लग गई है। फंड की कमी के चलते प्रशासन पिछले दो से ढाई महीने के पुराने बिलों का भुगतान नहीं कर पा रहा है। ठेकेदारों की पेमेंट और कर्मचारियों के भत्ते लंबित हैं। प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही आरई जारी किया जाएगा, जिससे मौजूदा संकट खत्म हो सके।
यूटी प्रशासन ने वर्ष 2024-25 के रिवाइज्ड एस्टीमेट में बजट को 14% बढ़ाने की मांग की है। यह वृद्धि टीए-डीए और एचआरए में बढ़ोतरी के साथ-साथ अन्य विकास कार्यों के लिए की गई है। कुल 911 करोड़ रुपये की मांग की गई है, लेकिन अब तक केंद्र से कोई फंड जारी नहीं हुआ है। आमतौर पर दिसंबर तक आरई जारी हो जाता है, लेकिन इस बार जनवरी आधा बीतने के बावजूद कोई फंड नहीं मिला।
इस देरी का सबसे ज्यादा असर नॉन-प्लान्ड कार्यों पर पड़ा है। इनमें स्कूलों और अस्पतालों की विशेष मरम्मत जैसे कार्य शामिल हैं। कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए फंड न मिलने के कारण वे ठप पड़ी हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही आरई जारी नहीं किया गया, तो विकास कार्यों पर बड़ा संकट आ सकता है।
नगर निगम को भी फंड की जरूरत
नगर निगम भी गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। जनवरी में कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए भी पर्याप्त फंड नहीं है। निगम ने प्रशासन से 200 करोड़ रुपये की मांग की है। विकास कार्यों के नए टेंडर भी रुके हुए हैं। निगम को उम्मीद है कि रिवाइज्ड एस्टीमेट के जरिए उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
अगले वित्त वर्ष के लिए 7950 करोड़ की मांग
चंडीगढ़ प्रशासन ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 7950 करोड़ रुपये का बजट मांगा है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में 6,513.62 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। प्रशासन हर साल अधिक बजट की मांग करता है, लेकिन केंद्र सरकार कटौती कर फंड जारी करती है।
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