चंडीगढ़ निगम में नई भर्ती योजना: इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से होगा कर्मचारियों का चयन
मेयर ने नई भर्ती योजना की शुरुआत की
चंडीगढ़ निगम में भर्ती में पारदर्शिता लाने के लिए नई योजना: इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से होगी भर्ती
भर्ती में भ्रष्टाचार का आरोप: चंडीगढ़ निगम में पिछले कई वर्षों से आउटसोर्सिंग पर भर्तियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। आरोप हैं कि सफाई कर्मचारी, एमटीएस, कंप्यूटर ऑपरेटर या क्लर्क जैसे पदों पर भर्ती के लिए डेढ़ से ढाई लाख रुपये तक देने पड़ते हैं। नई ठेका कंपनियों के साथ काम करते समय भी कर्मचारियों को अतिरिक्त पैसे देने की स्थिति उत्पन्न होती है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि: निगम में नियमित कर्मियों की संख्या कम है जबकि आउटसोर्स कर्मचारियों की संख्या तीन गुना ज्यादा है। 2024-2025 के बजट अनुमानों के अनुसार, निगम में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की संख्या 7172 हो गई है, जो चिंताजनक है।
नई योजना की घोषणा: मेयर कुलदीप कुमार ने मंगलवार को घोषणा की कि निगम में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए यूटी प्रशासन के इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से भर्ती की योजना बनाई जाएगी। इससे स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी और भर्ती में पारदर्शिता आएगी।
भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता: मेयर ने कहा कि इस योजना के तहत, अगर किसी विभाग को कर्मचारियों की जरूरत होगी तो यूटी प्रशासन के रीजनल इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज को सूचित किया जाएगा। वहां पर आवेदन देने वाले युवाओं को निगम में प्राथमिकता मिलेगी। यह एजेंडा आगामी सदन की बैठक में पार्षदों की मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
प्रशासक को पत्र: मेयर ने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया को आउटसोर्सिंग भर्तियों के बारे में पत्र भेजा है और मामले की जांच की मांग की है।
पुरानी भर्ती प्रक्रिया: पुराने कर्मचारियों के अनुसार, निगम में पहले इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज के माध्यम से भर्ती होती थी। अगर यह प्रक्रिया फिर से लागू होती है, तो भर्ती में भ्रष्टाचार खत्म हो सकता है और इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज की स्थिति भी सुधर सकती है।
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