खनौरी बॉर्डर पर किसान महापंचायत, डल्लेवाल की भूख हड़ताल जारी
पटियाला : पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत ने एक बार फिर सरकार का ध्यान किसानों की समस्याओं की ओर आकर्षित किया है। महापंचायत में शामिल किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 40 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि किसानों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है। डल्लेवाल ने आरोप लगाया कि अब तक 7 लाख से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं, लेकिन सरकार इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस नीति बनाने में असफल रही है।
महापंचायत में बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया और सरकार से किसानों के कर्ज माफी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी और कृषि सुधारों की मांग की। डल्लेवाल ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि संकट के चलते किसान आर्थिक और मानसिक दबाव में आकर अपनी जान दे रहे हैं। उन्होंने किसानों की आत्महत्याओं को “राष्ट्रीय त्रासदी” करार देते हुए सरकार से मांग की कि वह इस पर तुरंत ध्यान दे और किसानों के जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए।
डल्लेवाल की भूख हड़ताल के 40 दिन पूरे होने पर उनके स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता व्यक्त की जा रही है। डॉक्टरों की टीम नियमित रूप से उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है। इसके बावजूद डल्लेवाल ने कहा कि वह अपनी हड़ताल तब तक जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
महापंचायत में किसानों ने यह भी कहा कि जब तक सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। किसानों ने केंद्र और राज्य सरकारों पर दोषारोपण करते हुए कहा कि वे केवल घोषणाएं करती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं हो रहा।
किसानों ने इस दौरान सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो वे खनौरी बॉर्डर पर अपना प्रदर्शन और तेज करेंगे। महापंचायत का संदेश स्पष्ट था—किसानों के जीवन और उनकी समस्याओं को हल किए बिना आंदोलन रुकने वाला नहीं है।
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