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क्या हिसार एयरपोर्ट की दीवार वन्य जीवों को रोक पाएगी..

8 किलोमीटर लंबी चहारदीवारी के नीचे 25 रास्ते, वन्य जीवों की आवाजाही पर उठे सवाल…

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हिसार (हरियाणा): हिसार में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण को लेकर एक नया सवाल खड़ा हो गया है। जानकारी के अनुसार, एयरपोर्ट की लगभग 8 किलोमीटर लंबी चहारदीवारी के नीचे 25 से अधिक रास्ते (गैप) छोड़े गए हैं, जिनसे वन्य जीवों और अन्य जानवरों के अंदर घुसने की आशंका जताई जा रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे खुले रास्तों से न केवल वन्य जीवों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है, बल्कि रनवे पर जानवरों की मौजूदगी से उड़ानों की सुरक्षा भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है।

वन विभाग के अधिकारियों ने इस पर चिंता जताई है और कहा है कि एयरपोर्ट प्रबंधन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। कई बार जंगलों से भटक कर नीलगाय, सियार, सुअर, और खरगोश जैसे जानवर खुले रास्तों से शहर की तरफ आ जाते हैं। अगर ऐसे जानवर रनवे के करीब पहुंच गए, तो हादसे की आशंका बनी रहेगी।

एयरपोर्ट अथॉरिटी का कहना है कि इन रास्तों को जानबूझकर छोड़ा गया था ताकि निर्माण के दौरान मशीनरी और अन्य भारी वाहनों की आवाजाही आसान हो सके। लेकिन अब जब निर्माण अंतिम चरण में है, तो इन सभी रास्तों को सुरक्षित तरीके से बंद करने की योजना पर काम किया जा रहा है।

इस बीच पर्यावरणविदों का सुझाव है कि इन रास्तों को सिर्फ बंद करना ही समाधान नहीं है, बल्कि वन्यजीवों की प्राकृतिक आवाजाही के लिए ‘ईको-पास’ या ‘वाइल्डलाइफ कॉरिडोर’ जैसी योजनाएं भी बनाई जानी चाहिए। इससे जानवरों का जीवन भी सुरक्षित रहेगा और एयरपोर्ट की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी।

हिसार एयरपोर्ट के निर्माण से जहां क्षेत्र के विकास की उम्मीदें बढ़ी हैं, वहीं पर्यावरण और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता भी जरूरी हो गई है।


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