क्या वक्फ कानून बना जम्मू-कश्मीर में सियासी टकराव की वजह..
विधानसभा में दूसरे दिन भी हंगामा, नेकां और पीपुल्स कांफ्रेंस विधायकों के बीच तीखी झड़प..
जम्मू: जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सत्र का दूसरा दिन भी वक्फ कानून को लेकर विवादों से घिरा रहा। आज सदन में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स कांफ्रेंस के विधायकों के बीच कड़ी बहस और धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वक्फ से जुड़े मामलों में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है।
नेकां के वरिष्ठ विधायक ने वक्फ संपत्तियों की जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि सरकार वक्फ बोर्ड को पूरी तरह राजनीतिक एजेंडे के तहत चला रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के धार्मिक स्थलों की संपत्ति पर अवैध कब्जे और घोटाले लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी है।
वहीं पीपुल्स कांफ्रेंस के विधायकों ने नेकां पर पलटवार करते हुए कहा कि जब उनकी पार्टी सत्ता में थी, तब भी वक्फ की संपत्तियों का दुरुपयोग हुआ। इसी बहस के दौरान दोनों पक्षों में कड़ी नोकझोंक और आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए।
स्पीकर को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा, लेकिन हालात इतने बिगड़ गए कि सदन की कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा।
इस घटनाक्रम को लेकर विपक्षी दलों ने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है और कहा है कि वक्फ बोर्ड की कार्यशैली की स्वतंत्र जांच करवाई जाए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वक्फ कानून को लेकर भविष्य में भी राजनीतिक तूफान जारी रह सकता है। मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों से जुड़ा यह मुद्दा बेहद संवेदनशील है और इससे जुड़ी पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग लगातार तेज होती जा रही है।
सरकार की ओर से अब तक इस विवाद पर कोई विस्तृत बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार प्रशासन जल्द इस मुद्दे पर नीति स्पष्ट कर सकता है।
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