किसान संगठनों ने कंगना रणौत के खिलाफ खोला मोर्चा, BJP के लिए बढ़ी चुनौतियां
चुनावी माहौल में भाजपा की मुश्किलें
हरियाणा: हरियाणा में किसान आंदोलन के बाद शांत बैठे किसान संगठनों ने कंगना रणौत के तीन कृषि कानूनों पर दिए बयान के बाद एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है। कंगना के बयान ने चुनावी माहौल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, खासकर हरियाणा में। किसान नेताओं और संगठनों ने कंगना और भाजपा के खिलाफ मोर्चा तैयार कर लिया है, जिससे भाजपा को आगामी चुनावों में नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।
कंगना का बयान बना भाजपा के लिए संकट:
तीन कृषि कानूनों पर कंगना रणौत द्वारा दिया गया बयान वापस लेने के बावजूद, कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस नेता कंगना पर सीधे निशाना साध रहे हैं, जिससे भाजपा की घेराबंदी हो रही है। हरियाणा के विधानसभा चुनावों के दौरान कंगना का यह बयान किसानों के बीच एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जिससे भाजपा को काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
भाकियू और किसान संगठनों का भाजपा के खिलाफ आक्रोश:
हाल ही में कलायत में हुई भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की रैली में किसानों ने भाजपा को वोट न देने की अपील की थी। अब कंगना के बयान ने इस आक्रोश को और बढ़ावा दिया है। किसान संगठनों का कहना है कि भाजपा सरकार किसानों की समस्याओं को अनदेखा कर रही है और कंगना के बयान ने इसे पुनः उभार दिया है। इस मामले ने हरियाणा के विधानसभा चुनावों में भाजपा की स्थिति को कमजोर कर दिया है।
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