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किसान आंदोलन: सोशल मीडिया पेज बंद, केंद्र सरकार पर किसानों का आरोप, डल्लेवाल का अनशन 16वें दिन भी जारी

केंद्र सरकार पर सोशल मीडिया अकाउंट बंद करने का आरोप, किसान नेताओं ने दिल्ली कूच की तैयारी की, डल्लेवाल की सेहत बिगड़ी

चंडीगढ़/पटियाला: पंजाब और हरियाणा के किसानों ने एक बार फिर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह का फेसबुक पेज बंद किए जाने के बाद किसानों में आक्रोश फैल गया है। उनका आरोप है कि यह कदम केंद्र सरकार के इशारे पर उठाया गया है। इसी बीच, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन 16वें दिन भी जारी है।

किसान नेताओं ने कहा कि सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद करना सरकार की नई रणनीति का हिस्सा है, ताकि किसानों की आवाज को दबाया जा सके। भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरअमनीत सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की तरफ से जानबूझकर यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि 14 दिसंबर को दिल्ली कूच के लिए किसान तैयार हैं, और सरकार किसानों के खिलाफ इस तरह की कार्यवाही से आंदोलन को कमजोर नहीं कर पाएगी।

अरदास दिवस और डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत
बुधवार को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर अरदास दिवस मनाया गया, जिसमें किसानों ने मोर्चे की सफलता और डल्लेवाल की सेहत की सलामती की दुआ की। किसान नेता अभिमन्य कोहाड़ ने बताया कि डल्लेवाल का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है। उन्होंने बताया कि 16 दिन से अनशन पर बैठे डल्लेवाल का वजन 12 किलो घट चुका है और उनके लीवर व किड़नी पर भी बुरा असर पड़ा है। डल्लेवाल ने अपनी कैंसर की दवाइयाँ भी लेना बंद कर दी हैं।

किसान आंदोलन 2.0: 10 महीने पूरे होने पर बड़ी तैयारी
किसान नेता तेजवीर सिंह ने कहा कि शुक्रवार को किसान आंदोलन के 10 महीने पूरे हो जाएंगे। इस मौके पर बड़ी संख्या में किसान बॉर्डरों पर इकट्ठा होंगे और लंगर लेकर आएंगे। उन्होंने बताया कि शनिवार को तीसरी बार 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच के लिए निकलने वाला है। किसान पूरी तरह से तैयार हैं और इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए हर कदम उठाया जाएगा।

पंधेर की चेतावनी और केंद्र सरकार पर हमला
शंभू बॉर्डर पर मीडिया से बात करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने केंद्र सरकार से बातचीत की अपील की और चेतावनी दी कि पंजाब एक बॉर्डर स्टेट है, और अगर हालात बिगड़े तो इसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ेगा। पंधेर ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और डीजीपी से भी आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार पर दबाव डालें।

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और हरियाणा सरकार ने किसानों के रास्तों को अवरुद्ध किया है। पंधेर ने आरोप लगाया कि किसानों को बदनाम किया जा रहा है, जबकि किसान शांतिपूर्वक अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की मुख्य मांग एमएसपी की कानूनी गारंटी है, जिसे लेकर आंदोलन जारी रहेगा।

किसानों की एकजुटता और मांग
किसान नेताओं ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी की बैठकों में किसानों ने भाग लिया और अपनी बात रखी है, इसलिए यह आरोप कि किसान बैठकों में नहीं गए, पूरी तरह से गलत है। किसान अब एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग पर अडिग हैं और आंदोलन को तब तक जारी रखेंगे, जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती।

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