जालंधर (पंजाब) : के कारोबारियों ने किसान आंदोलन के कारण राज्य को हुए भारी आर्थिक नुकसान को लेकर चिंता जताई है। उनका दावा है कि इस आंदोलन के चलते पंजाब में व्यापार को लगभग ₹20,000 करोड़ का नुकसान हुआ है। व्यापारिक संगठनों का कहना है कि कई इंडस्ट्री पूरी तरह ठप हो गई हैं, जबकि कुछ को अपने संचालन में कटौती करनी पड़ी है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य का 60% व्यापार प्रभावित हुआ है, जिससे उद्योगों पर बुरा असर पड़ा है।
व्यापारियों ने बताया कि आंदोलन के कारण माल ढुलाई प्रभावित हुई, जिससे कच्चे माल की आपूर्ति में देरी हुई और उत्पादन ठप पड़ गया। वहीं, ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा। कई फैक्ट्रियों को या तो उत्पादन कम करना पड़ा या उन्हें पूरी तरह बंद करना पड़ा। इस कारण हजारों श्रमिक बेरोजगार हो गए और व्यापारियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा।
कारोबारियों का कहना है कि जहां एक ओर पंजाब को इस आंदोलन के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा, वहीं हरियाणा को इसका अप्रत्यक्ष रूप से फायदा मिला। रिपोर्ट्स के अनुसार, पंजाब में जब व्यापार धीमा पड़ा, तो हरियाणा में इसका असर उलटा देखा गया। कई उद्योगपति और व्यापारी अपना व्यापार हरियाणा की ओर शिफ्ट करने लगे, जिससे वहां के उद्योगों को 4 गुना तक लाभ हुआ।
हरियाणा के व्यापारिक हब में ऑर्डर बढ़ गए और कई कंपनियों को पंजाब से नए ग्राहक मिले। इसके अलावा, लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भी हरियाणा को फायदा हुआ क्योंकि कई व्यापारी और कंपनियां अपना माल वहां से भेजने लगीं।
पंजाब के कारोबारियों ने सरकार से मांग की है कि वे इस आर्थिक संकट को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा कि अगर जल्द कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो पंजाब के व्यापार और उद्योगों को उबरने में लंबा समय लग सकता है। साथ ही, उन्होंने यह भी आग्रह किया कि सरकार ऐसी नीतियां बनाए जिससे भविष्य में इस तरह के आर्थिक नुकसान से बचा जा सके।
अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या व्यापारियों को राहत देने के लिए कोई कदम उठाया जाता है या नहीं।
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