News around you
Responsive v

कर्तव्य पथ पर पंजाब की झांकी: सूफी संत बाबा शेख फरीद का सम्मान

तीन साल बाद गणतंत्र दिवस पर पंजाब की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन….

44

चण्डीगढ़-पंजाब : गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर कर्तव्य पथ पर तीन साल बाद पंजाब की झांकी प्रदर्शित की गई। इस झांकी ने राज्य की सांस्कृतिक, साहित्यिक, और कृषि धरोहर को खूबसूरती से प्रस्तुत किया। झांकी का मुख्य आकर्षण सूफी संत बाबा शेख फरीद को समर्पित भाग था, जिन्हें पंजाबी भाषा के पहले कवि और आध्यात्मिक गुरु के रूप में जाना जाता है। बाबा शेख फरीद को गुरु ग्रंथ साहिब में भी स्थान प्राप्त है। झांकी में उन्हें पेड़ की छाया में भजन रचते हुए दिखाया गया, जिससे उनकी आध्यात्मिक महानता झलकती है।

झांकी में पंजाब की समृद्ध कृषि परंपरा को भी प्रमुखता दी गई। इसमें बैलों की जोड़ी और हल के माध्यम से राज्य के कृषि प्रधान स्वरूप को प्रदर्शित किया गया। साथ ही, ग्रामीण जीवन की झलक देते हुए झांकी में फुलकारी की पारंपरिक कला और दरी की सुंदर डिजाइनों को शामिल किया गया, जो पंजाब की हस्तकला की उत्कृष्टता को दर्शाता है।

पंजाब की झांकी में संगीत और लोक कला का जादू भी देखने को मिला। एक पारंपरिक वेशभूषा में सजे व्यक्ति को तूम्बी और ढोलक बजाते हुए दिखाया गया, जो राज्य की समृद्ध संगीत विरासत का प्रतीक है। इसके अलावा, मिट्टी के खूबसूरत सजाए गए घड़े भी इस झांकी का हिस्सा थे।

झांकी में महिलाओं की पारंपरिक फुलकारी कढ़ाई कला को भी प्रदर्शित किया गया। एक महिला को हाथों से कपड़ा बुनते हुए दिखाया गया, जो फूलों के सुंदर डिजाइनों से सजी फुलकारी कला की झलक देती है। यह कला दुनियाभर में पंजाब की पहचान है और इसे अत्यधिक सराहा गया।

यह झांकी न केवल पंजाब की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रदर्शन करती है, बल्कि यह राज्य के ज्ञान, कला और संगीत की अनोखी विरासत को भी दर्शाती है। कर्तव्य पथ पर इस झांकी ने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और पंजाबी संस्कृति के अद्भुत पहलुओं को प्रस्तुत किया।


Discover more from News On Radar India

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

You might also like

Comments are closed.