चंडीगढ़ में 400 करोड़ की ठगी, मनोहर इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशकों पर FIR…
बिना परमिशन प्लॉट बेचकर 2000 से ज्यादा लोगों से वसूले करोड़ों, पुलिस ने दर्ज की धोखाधड़ी की एफआईआर…
चंडीगढ़ : में मनोहर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों पर 400 करोड़ की ठगी का आरोप लगा है। पुलिस ने कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। कंपनी पर आरोप है कि उसने बिना सरकारी परमिशन के प्लॉट बेचकर 2000 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपए वसूले। निवेशकों को सस्ते दामों पर प्लॉट देने का लालच दिया गया, लेकिन न तो उन्हें प्लॉट मिले और न ही पैसे वापस किए गए।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, कंपनी ने निवेशकों को बेवकूफ बनाने के लिए आकर्षक योजनाएं पेश कीं और झूठे दस्तावेज दिखाकर पैसे ऐंठे। जब निवेशकों ने प्लॉट की रजिस्ट्री या अपने पैसे वापस मांगने की कोशिश की, तो कंपनी के अधिकारी टालमटोल करने लगे। कई महीनों तक इंतजार करने के बाद जब कोई समाधान नहीं निकला, तो पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस जांच में सामने आया है कि कंपनी के निदेशकों ने बिना किसी सरकारी मंजूरी के प्लॉट बेचे और फर्जी कागजात दिखाकर ग्राहकों से मोटी रकम वसूली। चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
पीड़ितों में कई रिटायर्ड अधिकारी, नौकरीपेशा लोग और बिजनेसमैन शामिल हैं, जिन्होंने अपनी जीवनभर की कमाई इस प्रोजेक्ट में लगा दी थी। अब वे न्याय की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि इस घोटाले में शामिल निदेशकों और अन्य लोगों से पूछताछ की जाएगी और उनके बैंक खातों की जांच की जाएगी।
मामला सामने आने के बाद कई निवेशक एकजुट होकर न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी प्रॉपर्टी डील से पहले पूरी जांच-पड़ताल करने की सलाह दी है। पुलिस जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आगे की कानूनी कार्रवाई करेगी।
यह घटना रियल एस्टेट फ्रॉड के बढ़ते मामलों को उजागर करती है, जहां लोग बिना जांच-पड़ताल के निवेश कर देते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संपत्ति में निवेश करने से पहले उसकी वैधता की पुष्टि जरूर करें।
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